राहुल गांधी के खिलाफ FIR वाली याचिका हुई खारिज

वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ ब्रिटेन की अपनी हालिया यात्रा के दौरान कैंब्रिज विश्वविद्यालय में दिए गए भाषण को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। लाइव लॉ के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता शशांक शेखर त्रिपाठी ने याचिका दायर की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि कांग्रेस नेता ने कैलिफोर्निया में ऐसे बयान दिए जो ‘विभाजनकारी और इंदाई के संविधान की भावना के खिलाफ’ थे।

यह फ़ैसला गुजरात के सूरत में एक अन्य स्थानीय अदालत द्वारा गांधी के खिलाफ मानहानि के मामले में दिए गए एक फैसले पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

वाराणसी कोर्ट का मामला ब्रिटेन के विश्वविद्यालय में गांधी के व्याख्यान से जुड़ा है जहां उन्होंने भारतीय लोकतंत्र के बारे में बात की थी। उन्होंने खुद सहित कई राजनेताओं पर निगरानी रखने का मुद्दा उठाया और इजरायल निर्मित स्पाईवेयर के उपयोग पर चर्चा की। भाजपा नेता ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत कांग्रेस नेता के खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट मांगी।

हालाँकि, अदालत ने पाया कि गांधी के कथित बयानों ने उनके व्याख्यान में स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के अधिकार की निर्धारित सीमाओं को पार नहीं किया।

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