“जीजू 1000 दो.. नहीं 200 दूंगा..” फिर हुई दूल्हे के पिता की एंट्री, बवाल ! बिना दुल्हन इस हाल में लौटी बारात

उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में एक विवाह समारोह के दौरान पारंपरिक ‘जूता चुराई’ की रस्म विवाद का कारण बन गई, जिससे बारात बिना दुल्हन के लौट गई। यह घटना तब हुई जब दुल्हन की बहन ने दूल्हे से जूते वापस पाने के लिए 1000 रुपये की मांग की, लेकिन दूल्हे ने केवल 200 रुपये देने की पेशकश की। इस पर दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई।

ऐसे हुआ बवाल

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जूता चुराई की रस्म के दौरान, दुल्हन की बहन ने दूल्हे से 1000 रुपये की मांग की। दूल्हे ने केवल 200 रुपये देने की बात कही, जिससे दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई। स्थिति तब और बिगड़ गई जब दूल्हे के पिता ने दुल्हन की बहन का हाथ पकड़कर कहा, “जूता पैरों में पहनाओ, तभी पैसे मिलेंगे।” इस व्यवहार से दुल्हन पक्ष नाराज हो गया और उन्होंने विवाह को रोकने का निर्णय लिया।

बिना दुल्हन के लौट गई बारात

विवाद के बाद कई बुजुर्गों और बारातियों ने दोनों पक्षों को काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन उसका कोई भी फायदा नहीं हुआ। जिसके बाद विवाह की अन्य रस्में रोक दी गईं और बारात बिना दुल्हन के लौट गई। यह घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है, जहां लोग पारंपरिक रस्मों के दौरान सम्मानजनक व्यवहार की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।

यह घटना पारंपरिक रस्मों के दौरान आपसी सम्मान और समझदारी की आवश्यकता को रेखांकित करती है। ऐसे अवसरों पर सभी पक्षों को संयम और सम्मान बनाए रखना चाहिए ताकि विवाह समारोह सुखद और यादगार बने।

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