डर और खौफ को भूल अफगानी महिला पत्रकार ने लिया तालिबानी अधिकारी का इंटरव्यू, पूछे तीखे सवाल

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होते ही वहां की महिलाएं सबसे ज्यादा भयभीत और खौफ के साए में है। दरअसल,  उन्हें डर है कि कहीं तालिबान पहले की तरह उनके सारे कानून और आज़ादी छीन न लें और कानून का पालन करने पर कहीं वह उनकी जान भी न ले लें। लेकिन इन सब डरावने माहौल के भीतर एक अफगान महिला की हिम्मत और हौंसले की दाद देनी पड़ेगी कि उसने बिना किसी डर के और दबाव के एक तालिबानी अधिकारी का बेधड़क इंटरव्यू लिया।

जैसा कि काबुल में अफगान महिलाएं अपने जीवन और अपने भविष्य के लिए भयभीत है आर वह अपने घरों में बंद है वहीं एक अफगान टेलीविजन स्टेशन पर मंगलवार को एक अलग तरह की छवि दिखाई गई। दरअसल एक अफगानी महिला  न्यूज़ एंकर ने  एक तालिबान अधिकारी का इंटरव्यू लिया। 

एंकर बेहेष्ट अरघंद ने तालिबानी अधिकारी से पूछे कई बेधड़क सवाल
तालिबान की मीडिया टीम के एक सदस्य, मावलवी अब्दुलहक हेमाद से कई फीट दूर बैठी एंकर बेहेष्ट अरघंद ने उनसे काबुल की स्थिति और तालिबान द्वारा काबूल में घर-घर तलाशी लेने के बारे में बेधड़क कई सवाल पूछे।

पूरी दुनिया अब मानती है कि तालिबान देश के असली शासक हैं
इस दौरान उन्होंने जवाब में कहा कि पूरी दुनिया अब मानती है कि तालिबान देश के असली शासक हैं। उन्होंने कहा कि मैं अभी भी चकित हूं कि लोग तालिबान से डरते हैं।

तालिबान के विरोध के डर से काबुल के निवासी हाल के दिनों में बिना सिर के स्कार्फ वाली महिलाओं को दिखाने वाले विज्ञापनों को फाड़ रहे हैं, जिनकी विचारधारा महिलाओं को सार्वजनिक जीवन के लिए अयोग्य बनाती है।

अफगानी महिला पत्रकार ने काबुल की स्थिति और घर-घर तलाशी के बारे में किया सवाल
वहीं इस न्यूज एंकर की हिम्मत के बारे में  टेलीविजन ने अपने ट्विटर अकाउट पर पोस्ट शेयर लिखा कि इस कार्यक्रम में, मेजबान बेहेष्ट अरगंड ने तालिबान की मीडिया टीम के एक करीबी सदस्य मावलवी अब्दुलहक हेमाद से काबुल की स्थिति और शहर में घर-घर की तलाशी के बारे में इंटरव्यू लिया।

 महिला पत्रकार की इस इंटरव्यू को बताया ऐतिहासिक
वहीं इसके साथ ही एक ट्वीट में एक अन्य पत्रकार मैथ्यू ऐकिन्स ने भी अफगानिस्तान की इस महिला पत्रकार की तारीफ की।उन्होंवे लिखा कि यह उल्लेखनीय, ऐतिहासिक, उत्साहजनक है।

इस तरह के इंटरव्यू दुर्लभ थे लेकिन यह पहली बार नहीं था 
वहीं, अफगानिस्तान के पर्यवेक्षकों (supervisors) ने कहा कि हालांकि इस तरह के इंटरव्यू दुर्लभ थे, यह पहली बार नहीं था जब तालिबान ने सार्वजनिक रूप से महिला पत्रकारों के साथ बातचीत की थी, यहां तक ​​कि समूह ने बहिष्कार की नीति का प्रचार किया जो महिलाओं को अधिकारों और शिक्षा से वंचित करता है।

पुरुष तालिबान प्रतिनिधिमंडल में महिला सदस्य भी थीं शामिल 
इसके अलावा शांति वार्ता में भाग लेने वाले सभी पुरुष तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने अफगान सरकार की एक टीम के साथ भी बातचीत की जिसमें कुछ महिला सदस्य भी शामिल थीं। उस दौरान उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों के लिए उनके अधिग्रहण का क्या मतलब हो सकता है, इस बारे में आशंकाओं को दूर करने के एक स्पष्ट प्रयास में, विद्रोही समूह ने महिलाओं से अपनी सरकार में शामिल होने का भी आग्रह किया है।

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