Farmers protest : चौथे दौर में भी नहीं बनी बात, किसानों से सरकार की फिर होगी बात

नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों की मुखालफत कर रहे किसानों ने सरकार के साथ वार्ता के दौरान ऑफर किया गया न खाना खाया और ही चाय पी। उन्होंने सरकार को अपना रुख जता दिया कि वे क्या चाहते हैं। फिर भी सरकार यही कोशिश करती दिखी कि किसान तीनों कानूनों के प्रति अपना नजरिया बदलें। दोपहर 12 बजे से शुरू हुई वार्ता 7.30 घंटे तक चली। लेकिन इस दौर में भी बात, बात ही रही। कोई समाधान नहीं निकला। अब 5 दिसम्बर को फिर दोनों पक्ष बैठेंगे। दोपहर करीब 12 बजे विज्ञान भवन में शुरू हुई यह बैठक देर शाम तक चली। करीब 3 बजे टी ब्रेक हुआ।

अपनी मांग पर अड़े किसानों ने नहीं खाया सरकार का खाना

लेकिन किसानों ने सरकार की ओर से पेशकश किया गया न खाना खाया और न ही चाय पी। बल्कि गुरुद्वारा बंगला साहब से आया खाना खाया और चाय पी। किसानों के इस रुख से मंत्रियों के माथे पर बल पड़ गया। बैठक में सरकार की ओर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश शामिल थे तो किसानों की ओर से करीब 40 यूनियनों के प्रतिनिधि थे।

रात करीब 7.30 बजे बैठक खत्म हुई तो बाहर निकलते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्रकारों को बताया कि किसानों की ओर से जो मांगें और आपत्तियां दी गईं, उन पर बिंदुवार वार्ता हुई। कई बिंदुओं पर सहमति बनी है। सरकार सकारात्मकता से उन पर विचार करने को तैयार है। बातचीत सौहाद्र्रपूर्ण माहौल में हुई। उन्होंने कहा कि किसानों की मंशानुसार मंडियों के बाहर ट्रेडर्स के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की जाएगी। आंदोलन खत्म करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसानों से इस पर अभी कोई बात नहीं हुई।

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