प्रसिद्ध रंगकर्मी पद्मश्री बंसी कौल ने दुनिया को कहा अलविदा

प्रख्यात रंगकर्मी पद्मश्री बंसी कौल (Bansi Kaul) ने शनिवार को दुनिया को अलविदा कह दिया. वह पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे.

हाल के दिनों में उनका कैंसर की वजह से ऑपरेशन भी किया गया था. बीते साल नवंबर से उनकी सेहत लगातार बिगड़ती चली गई. शनिवार सुबह 8. 46 बजे पर दिल्ली स्थित द्वारका में उन्होंने अंतिम सांस ली.

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक रहे 71 वर्षीय कौल ने भोपाल में रंग विदूषक के नाम से अपनी संस्था बनाई.

साल 1984 से रंग विदूषक ने देश और दुनिया में अपनी नाट्य शैली की वजह से अलग पहचान बनाई. कौल देश के प्रख्यात डिजाइनर भी थे.

उन्होंने कई बड़े इवेंट्स की डिजाइनिंग की. अपने आखिरी दिनों तक बंसी कौल रंगकर्म और नाटकों की दुनिया को लेकर चिंतित रहे.

बंसी कौल थिएटर ऑफ लाफ्टर, सामूहिकता, उत्सव धर्मिता को लेकर एक नया मुहावरा रच गये.

कौल की संस्था रंग-विदूषक ने विभिन्न शैलियों में करीब 80 से ज्यादा  नाटक तैयार किए हैं.  देश-विदेश के 115 से अधिक शहरों के प्रेक्षागृहों,  सभागारों में संस्था प्रदर्शन कर चुकी है.

इसके अलावा गांव की चौपालों, महल और हवेलियों के आंगन, नदी के घाटों और रेगिस्तान में रेत के टीलों पर हुए संस्था के प्रदर्शनों को आज भी याद किया जाता है.

संस्था ने शोलापुर, ग्वालियर, इन्दौर, उज्जैन, चैन्नई, बैंगलोर, महेश्वर, रायगढ़ और दिल्ली तक रहा. इन शहरों में समय-समय पर रंगशिविर आयोजित किये.

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