“पत्नी को ढूंढकर लाओ – 20 हजार पाओ”, ससुर संग फरार.. 2 बेटियां साथ.. पति की गुहार: “कर चुका हूँ 2 लाख खर्च”

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला अपने चचिया ससुर के साथ फरार हो गई है। महिला अपने साथ अपनी दो बेटियों को भी ले गई है। पहले इस घटना को गुमशुदगी के तौर पर दर्ज किया गया था, लेकिन अब इसे अपहरण में तरमीम कर दिया गया है। पुलिस सर्विलांस की मदद से आरोपी की तलाश में जुटी है। वहीं, पीड़ित पति ने पत्नी और बच्चों को खोज निकालने वाले को 20 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
पति ने एसएसपी से की शिकायत, दर्ज हुई अपहरण की रिपोर्ट
दरअसल, इटावा जिले में ऊसराहार थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़ित पति ने 14 मई को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव से संपर्क कर अपनी पत्नी और बेटियों को खोजने की गुहार लगाई थी। एसएसपी के निर्देश पर थानाध्यक्ष बलराम मिश्रा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पहले दर्ज गुमशुदगी की रिपोर्ट को अपहरण में तब्दील कर दिया।
तीन अप्रैल से लापता है महिला
यह घटना तीन अप्रैल की है, जब पीड़ित पति किसी काम से कानपुर गया हुआ था। उसी दौरान उसकी 28 वर्षीय पत्नी अपनी दो बेटियों (आठ वर्ष और दो वर्ष) के साथ घर से गायब हो गई। पति ने उसी दिन थानाध्यक्ष मंसूर अहमद को तहरीर दी थी, जिसमें उसने अपने पारिवारिक चाचा नंदराम (उम्र 45) पर पत्नी को भगाने का आरोप लगाया था। लेकिन तत्कालीन थानाध्यक्ष ने मामला गुमशुदगी में दर्ज कर लिया।
डेढ़ महीने बाद भी खाली हाथ पति, खर्च कर चुका ₹2 लाख
पीड़ित पति का कहना है कि बीते डेढ़ महीने में उसने हर उस जगह जाकर खोजबीन की, जहां पत्नी के होने की सूचना मिली, लेकिन वह हर बार खाली हाथ लौटा। उसने इस दौरान लगभग दो लाख रुपये खर्च कर दिए, लेकिन अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
पत्नी की वापसी की उम्मीद में पति ने दिया भावुक बयान
पीड़ित पति ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर उसकी पत्नी अब भी घर लौट आती है, तो वह उसे खुशी-खुशी घर में रखने को तैयार है। उसे सबसे ज्यादा चिंता अपनी दोनों बेटियों की है, जिनके हालात के बारे में कुछ पता नहीं है। पत्नी की वापसी से बच्चों का भविष्य संवर सकता है।
पत्नी को खोजने वाले को ₹20,000 इनाम,
पीड़ित ने घोषणा की है कि जो भी व्यक्ति उसकी पत्नी और बच्चों की जानकारी देगा, उसे ₹20,000 का इनाम दिया जाएगा। वहीं, थानाध्यक्ष बलराम मिश्रा ने बताया कि यह मामला उनके कार्यभार संभालने से पहले का है, लेकिन अब वह पीड़ित की पूरी मदद कर रहे हैं। पुलिस की दो टीमें गठित कर दी गई हैं और कुछ मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया है।
इटावा केस में पुलिस की लापरवाही भी सवालों के घेरे में
इस पूरे मामले में पुलिस की शुरुआती ढिलाई भी सवालों के घेरे में है। यदि पहले ही अपहरण का मामला दर्ज होता और तत्परता से कार्रवाई होती, तो शायद महिला और बच्चों का अब तक पता चल गया होता। यह घटना पुलिस की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर करती है।