चुनाव आयोग ने मंत्री मोहन यादव के चुनाव प्रचार पर लगाया 24 घंटे का प्रतिबंध

भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार चरम पर है और नेता एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा हैं। ऐसे में वे अपनी मर्यादा भूलकर विवादित बयान भी दे रहे हैं। वहीं, चुनाव आयोग भी अमर्यादित बयान देने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है। निर्वाचन आयोग ने कमलनाथ पर विवादित बयान को लेकर बड़ी कार्रवाई करने के बाद अब शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव पर भी कार्रवाई की है। आयोग ने उनके चुनाव प्रचार पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया है।

दरअसल, गत 11 अक्टूबर को डॉ. मोहन यादव ने कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा था कि अच्छे के साथ अच्छा कदम मिलाकर चलना जानते हैं। यदि कोई बुरा करने जाएगा तो घर से निकालकर लाएंगे। हम जमीन में गाडऩे वाले लोग हैं। निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस की शिकायत पर डॉ. यादव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। चुनाव आयोग डॉ. यादव के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और शुक्रवार देर रात आदेश जारी कर उनके चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए प्रतिबंधित कर दिया। इसके साथ ही आयोग ने कहा कि उम्मीद की जाती है कि एक जिम्मेदार राजनेता के नाते पालन करेंगे। यानी मंत्री डॉ. शनिवार को न तो किसी सभा, जुलूस, रोड शो में हिस्सा ले पाएंगे और न ही किसी टीवी शो, साक्षात्कार या फिर मीडिया से बातचीत कर सकेंगे।

गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने शनिवार को ही एक आदेश जारी कर कमलनाथ के स्टार प्रचारक दर्जा समाप्त किया था। उन पर यह कार्रवाई भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी को आइटम कहकर संबोधित करने के मामले में की गई थी। इसके अलावा आयोग ने भाजपा प्रत्याशी गिर्राज दंडोतिया और उषा ठाकुर को भी आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस जारी कर 48 घंटे में जवाब मांगा है। दंडोतिया ने गत 22 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर कहा था कि जो अपशब्द उन्होंने डबरा में कहे यदि वे चंबल में कहे होते तो जिंदा नहीं जा पाते। इसी तरह मंत्री उषा ठाकुर ने 27 अक्टूबर को पत्रकारवार्ता में मदरसे को लेकर टिप्पणी की। इन दोनों के बयानों को भी आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन माना है।

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