क्या मुख्यमंत्री योगी की कार्ययोजना में ज़मीन पर होता है कुछ और बयानों में कुछ और ?

इस वक़्त पूरे भारत से बड़ी संख्या में भारत के मज़दूर वापस अपने घर उत्तर प्रदेश लौट रहे हैं मगर उत्तर प्रदेश सरकार अभी तक व्यवस्था नहीं करा पाई है कि उन मज़दूरों को सकुशल किस तरीक़े से उनके घर पहुंचाया जाए,सरकार की तरफ़ से दावा किया गया है कि बसों से मज़दूरों को लाया जा रहा है मगर ज़मीनी हक़ीक़त ये है कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर लाखों की संख्या में मज़दूर फँसे हुए हैं, न तो उन्हें मध्य प्रदेश की सरकार अपनाने को तैयार है न तो उत्तर प्रदेश की सरकार वहीं दूसरी तरफ़ उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बॉर्डर पर भी यही सिलसिला बना हुआ है उत्तर प्रदेश राजस्थान और उत्तर प्रदेश दिल्ली के बॉर्डर पर भी यही मज़दूरों का हाल है,मगर योगी सरकार कह रही है कि तमाम मज़दूरों को लाने की व्यवस्था की जा रही है मगर ज़मीनी हक़ीक़त ये है कि विभागों में आपसी तालमेल ही नहीं है, सूत्रों की मानें तो अधिकारियों को पता ही नहीं कहाँ पर कौन सी बसों को भेजना है और कौन सी बसों को कहाँ पर लगाना है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह आदेश जारी कर दिया है की अब कोई भी मज़दूर पैदल अपने घर नहीं जाएगा अब अधिकारी मज़दूरों को रोक रहे हैं मगर उनकी जाने की व्यवस्था नहीं कर रहे हैं जी हाँ यह सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि लखनऊ में बैठे उच्च अधिकारी ज़िले के वरिष्ठ अधिकारियों को यह आदेश दे रह है कि कोई भी मज़दूर पैदल प्रदेश में नहीं आना चाहिए,मगर मज़दूर अपने प्रदेश अपने घर आएगा कैसे इसका कोई भी रोड मैप वरिष्ठ अधिकारियों के पास नहीं है न तो हरियाणा में भाजपा सरकार और उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के पास है न तो मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार और केंद्र बैठी भाजपा सरकार और उत्तर में प्रदेश में बैठी भाजपा सरकार के पास जब 2 प्रदेशों में एक ही पार्टी की सरकार है तो आख़िर क्यों नहीं अच्छा रोडमैप बनाकर और केंद्र की मदद लेकर मज़दूरों को उनके घर पहुँच जाया जा रहा है यह बड़ा सवाल अभी भी बना हुआ है?

इस तरीक़े से मज़दूर लगातार प्रदेश में पैदल आ रहे हैं और विपक्षी दल लगातार इस बातों को उठा रहे हैं और सरकार को घेर रहे हैं इसके बाद लगता है कि योगी सरकार को अपनी बेइज़्ज़ती महसूस हो रही है, जिसकी वजह से आनन फ़ानन में यह आदेश जारी किया गया है कि मज़दूरों को पैदल नहीं चलने देना है मगर इस आदेश जारी करने से पहले कोई उचित व्यवस्था या कोई बेहतरीन रोड मैप प्रदेश सरकार के पास नहीं है ऐसा दिखाई दे रहा है

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मज़दूरों को प्रदेश के अंदर पैदल आना मना है मगर यह भी नहीं बताया गया है कि मज़दूर आख़िर चलें तो कैसे, दूसरी तरफ़ इनकी कोई व्यवस्था भी बेहतरीन रोड मैप के साथ नहीं की जा रही है,आपको बता दें कियोगी सरकार ने कहा है कि जिन मज़दूरों को अपने प्रदेश या अपने घर वापस लौटना है वह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करे मगर रजिस्ट्रेशन करने के लिए मज़दूरों के पास न तो इंटरनेट है न तो ये स्मार्टफ़ोन और न तो इतनी जानकारी इस से वे ख़बर होकर प्रशासनिक अधिकारी लगातार काम कर रहे हैं और मज़दूर भारत की सड़कों और रास्तों पर अपने खून आँसू बहाते हुए नज़र आ रहे हैं

योगी सरकार ने उन मज़दूरों के लिए कोई भी उचित दिशा निर्देश नहीं जारी की है और जो नोडल अधिकारियों का नम्बर जारी किया गया है सरकार के द्वारा उसमें से अधिक से अधिक अधिकारियों का नंबर स्विच ऑफ़ आ रहा या लग नहीं रहा लग रहा है,जिस तरीक़े से इस वक़्त मज़दूरों का बुरा हाल है और उत्तर प्रदेश में लगातार मज़दूर अपनी जान गंवा रहे हैं यह पूरी लापरवाही कहीं न कहीं सरकार की नज़र आती है,अगर सरकार समय रहते यह पूरा व्यवस्था कर लेती तो आज मज़दूरों की और ग़रीब हों यह दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता

अब देखना यह होगा कि जिस तरीक़े से विपक्षी लगातार सरकार से कह रहे है कि वो बसों का किराया उठाने को तैयार है वहीं दूसरी तरफ़ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि पार्टी सभी मज़दूरों के घर पहुँचने का जो किराया है वो उठाने को तैयार है कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार से कहा है कि वो मज़दूरों का रेल किराया देने को तैयार है भारत सरकार के द्वारा न तो किसी विपक्षी पार्टी से मदद ली गई है न तो उचित व्यवस्था की गई है कि मज़दूर आराम से अपने घर पहुँच सके मगर इस वक़्त मज़दूरों को सरकार की सहायता की सख़्त ज़रूरत है उस वक़्त सरकार मज़दूरों को वह मदद नहीं पहुँचा पा रही है और जिस वजह से मज़दूरों की लगातार मौत हो रही है और जो भी मदद सरकार के द्वारा पहुँच रही है वो लगता है ऊँट के मुँह में ज़ीरा की तरह है और इस वक़्त सरकार की मदद की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है मगर उसके बाद भी सरकार का कोई बेहतरीन कार्ययोजना नज़र नहीं आती हैं।

रिपोर्ट – अमित यादव

Related Articles

Back to top button