ऑपरेशन थिएटर में चल रही थी सर्जरी, अचानक छत्त से डॉक्टर पर गिरा कुत्ता.. अब मरीज के बगल में डॉक्टर एडमिट

जहां एक ओर देश विज्ञान और तकनीक में नए आयाम छू रहा है, वहीं झारखंड के धनबाद में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत देख हर कोई हैरान है। मंगलवार को धनबाद के रेलवे मंडल अस्पताल में एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी। ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन के दौरान फॉल्स सीलिंग टूटकर गिरी और उसी के साथ एक कुत्ता भी नीचे गिर पड़ा। इस घटना में एक डॉक्टर और एक महिला स्वास्थ्यकर्मी घायल हो गईं। इस दुर्घटना ने अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही और बदहाली को उजागर कर दिया है।

ऑपरेशन के दौरान टूटी छत, डॉक्टर और स्टाफ घायल

मंगलवार सुबह करीब 11 बजे धनबाद रेलवे अस्पताल के ऑर्थोपेडिक विभाग में एक मरीज का ऑपरेशन किया जा रहा था। वरिष्ठ सर्जन डॉ. पी.आर. ठाकुर ऑपरेशन में व्यस्त थे। इसी दौरान ऑपरेशन थिएटर की फॉल्स सीलिंग अचानक तेज आवाज के साथ गिर गई। फॉल्स सीलिंग के मलबे के साथ एक कुत्ता भी नीचे आ गिरा, जिससे ऑपरेशन में असिस्ट कर रही महिला हेल्थ वर्कर अंजलि को गंभीर चोटें आईं। उन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया और ऑपरेशन को बीच में ही रोककर मरीज को दूसरे थिएटर में शिफ्ट किया गया।

छत और सीलिंग के बीच बना रखा था आशियाना कुत्तों ने

हादसे के बाद जब पूरे मामले की पड़ताल की गई तो पता चला कि ऑपरेशन थिएटर की छत और फॉल्स सीलिंग के बीच कुत्ते ने अपना घर बना रखा था। पुराने अस्पताल भवन में मौजूद बड़े वेंटिलेशन से होकर कुत्ते वहां तक पहुंच जाते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि पहले से ही सीलिंग की जर्जर स्थिति की सूचना दी जा चुकी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

अस्पताल प्रबंधन की अनदेखी: 4 घंटे तक इंजीनियरिंग विभाग नहीं पहुंचा

घटना के बाद रेलवे अस्पताल प्रशासन ने इंजीनियरिंग विभाग को तत्काल सूचना दी। लेकिन चार घंटे बीत जाने के बावजूद इंजीनियरिंग विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी ऑपरेशन थिएटर की स्थिति का जायजा लेने नहीं पहुंचा। इससे अस्पताल कर्मियों में रोष और मरीजों में भय का माहौल फैल गया।

हाल ही में हुआ था ऑपरेशन थिएटर का जीर्णोद्धार, फिर भी हादसा

यह और भी चिंताजनक है कि जिस ऑपरेशन थिएटर में यह हादसा हुआ, उसका कुछ ही समय पहले जीर्णोद्धार (renovation) किया गया था। बावजूद इसके वहां की सुरक्षा और गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन की ओर से यह जानकारी दी गई है कि इंजीनियरिंग विभाग को दोबारा इस बारे में लिखा गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है।

100 साल पुराने अस्पताल की हालत बदतर, सुविधाओं का टोटा

धनबाद मंडल रेलवे अस्पताल ने इस वर्ष अपने 100 वर्ष पूरे किए हैं, लेकिन अस्पताल की स्थिति देखकर यह नहीं लगता कि यह किसी ऐतिहासिक संस्थान की तस्वीर है। अस्पताल में न तो पर्याप्त दवाएं हैं, न डॉक्टर, और न ही मूलभूत सुविधाएं। पीने के पानी तक के लिए आरओ मशीन नहीं है। बारिश के समय कई जगहों से छत टपकती है। मरीजों ने बताया कि अगर बीमारी थोड़ी भी जटिल हो, तो एक ही समाधान होता है – “रेफर कर दो”।

मरीज और परिजन डरे-सहमे, अस्पताल की साख पर सवाल

इस शर्मनाक घटना के बाद न सिर्फ मरीजों का भरोसा डगमगाया है, बल्कि अस्पताल की साख पर भी गहरा सवाल खड़ा हो गया है। इलाज कराने आए लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। वहीं अस्पताल कर्मी भी इस बात को लेकर परेशान हैं कि ऑपरेशन थिएटर जैसी संवेदनशील जगह पर इतनी लापरवाही कैसे हो सकती है।

Related Articles

Back to top button