तैमूर नगर में बुलडोजर एक्शन से अफरा-तफरी, ढाह दिए गए दर्जनों मकान.. लेके भागे फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स..

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के जामिया नगर से सटे तैमूर नगर इलाके में सोमवार सुबह भारी पुलिस बल, 6 जेसीबी मशीनें और नगर निगम के अधिकारियों के साथ एक बड़ा बुलडोजर अभियान चलाया गया। इस कार्रवाई में डेढ़ किलोमीटर लंबे नाले के दोनों ओर बने अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और नगर निगम ने इस संयुक्त कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसकी तैयारियां काफी पहले से चल रही थीं।
अवैध कब्जों के खिलाफ 9 बजे शुरू हुआ बुलडोजर एक्शन
DDA और नगर निगम की टीम सुबह 9 बजे भारी पुलिस बल के साथ तैमूर नगर के IG कैंप इलाके में पहुंची। यहां नाले के दोनों तरफ वर्षों से बने पक्के मकानों को जेसीबी मशीनों से तोड़ा जाने लगा। प्रशासन ने पहले ही इस पूरे क्षेत्र को अवैध अतिक्रमण घोषित कर रखा था और संबंधित लोगों को कई बार नोटिस भी दिए गए थे। बावजूद इसके कब्जा हटाया नहीं गया, जिसके चलते अदालत के आदेश के तहत अब सीधी कार्रवाई की गई।
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद हुई कार्रवाई
इस पूरे प्रकरण की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में हुई थी, जहां कोर्ट ने 5 मई से अवैध निर्माण हटाने का स्पष्ट निर्देश दिया था। कोर्ट ने नाले की सफाई और सरकारी जमीन की वापसी को प्राथमिकता दी, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया। इसके तहत तीन दिन तक चलने वाले इस अभियान की शुरुआत सोमवार से हो चुकी है।
इलाके में अफरा-तफरी, लोग घरों से सामान निकालते दिखे
बुलडोजर एक्शन शुरू होते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई। लोग अपने घरों से फर्नीचर, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स और जरूरी दस्तावेज निकालने लगे। बिजली विभाग ने पहले ही इन घरों के बिजली कनेक्शन काट दिए थे और मीटर हटा लिए गए थे। इसके बाद जेसीबी मशीनों की मदद से मकानों को गिराने का काम शुरू हुआ।
बांग्लादेशी घुसपैठियों का ठिकाना बन चुका था इलाका?
तैमूर नगर का IG कैंप इलाका पहले से ही दिल्ली पुलिस की नजर में संवेदनशील माना जा रहा था। पुलिस को लगातार इनपुट मिल रहे थे कि यहां बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से बसे हुए हैं। यही नहीं, तीन दिन पहले इसी इलाके से एक बांग्लादेशी घुसपैठिया चांद मियां को गिरफ्तार किया गया था, जो कथित तौर पर अन्य लोगों को भी दिल्ली में अवैध तरीके से बसाने के आरोप में पकड़ा गया।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए CRPF और RAF की तैनाती
चूंकि यह इलाका घनी आबादी वाला और संवेदनशील माना जाता है, इसलिए इस डेमोलिशन ड्राइव के दौरान CRPF और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की भी तैनाती की गई। प्रशासन किसी भी प्रकार के विरोध या हिंसा की आशंका को देखते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।
तीन दिन तक चलेगा बुलडोजर अभियान
DDA और नगर निगम के अनुसार, यह अभियान कम से कम तीन दिन चलेगा। लक्ष्य है कि नाले के दोनों तरफ मौजूद सभी अवैध कब्जों को पूरी तरह से हटाया जाए और सरकारी जमीन को पुनः प्रशासन के नियंत्रण में लिया जाए। बताया जा रहा है कि नाले के दोनों ओर सैकड़ों मकान कब्जा करके बनाए गए थे, जिन्हें अब एक-एक कर ध्वस्त किया जा रहा है।
क्या प्रशासन अब अन्य इलाकों में भी अपनाएगा सख्त रवैया?
तैमूर नगर की यह कार्रवाई न केवल राजधानी में अवैध निर्माण के खिलाफ एक सख्त संदेश है, बल्कि इससे यह भी संकेत मिलता है कि दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन अब और अधिक संगठित और आक्रामक तरीके से अभियान चला सकता है। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि क्या अब दिल्ली के अन्य संवेदनशील और अवैध कब्जा वाले इलाकों में भी इसी तरह की कार्रवाई देखने को मिलेगी?