अपने ऊपर हुए अत्याचार की दास्तां बयां करेगा शव, जानिए क्या है पूरा मामला

क्या कभी कोई कब्र में दफन हो जाने के बाद अपने साथ हुई दास्तान को बयां कर सकता है आप भी जानते हैं की मौत की आगोश में सोने के बाद सभी की आवाज खामोश हो जाती है लेकिन कभी ना कभी अपने न्याय की दरकार लगाने के लिए कब्र के अंदर से भी आवाज आ सकती है 1 वर्ष पूर्व धरती की आगोश में दफन होने वाली विवाहिता का शव आज जिला प्रशासन की मौजूदगी में बाहर निकालने का काम किया गया है अब इस खबर से निकलने वाला शव अपने ऊपर हुए अत्याचारों की बानगी करेगा और बताएगा कि किस तरह से उसके ऊपर अत्याचार हुए हैं कितने दुख दर्द सहे हैं।

आपको बता दें कि पूरा मामला बाँदा जनपद शहर कोतवाली का है । जहां आज एक परिवार के द्वारा न्याय की गुहार सुनते हुए कोर्ट ने धरती की आगोस में अपनी जिंदगी की अंतिम नींद से जगाते हुए उसके ऊपर हुए अत्याचार की दास्तान जानने के लिए कब्र से बाहर निकाला गया है। मृतक के परिजनों के द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि हमारी बेटी के साथ उसके ससुराल वालों ने अत्याचार किया है और दहेज के लालच में उसकी हत्या कर दी थी। जिसको लेकर न्यायालय में मामला चल रहा था। आज न्यायालय के आदेश पर उस मृतक शव को कब्र से बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। बताते चलें कि मृतक महिला का नाम जरीन था जिसकी शादी शहर के गुलाब बाग मोहल्ले में रहने वाले नफीस के साथ चार वर्ष पहले शादी हुई थी।

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जरीन के ससुरालियों के द्वारा लगातार उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था। 2020 के फरवरी माह में जरीन की मौत हो गई। जरीन के ससुरालियों के द्वारा बिना किसी को सूचना दिए उसे दफन कर दिया गया। जब मृतक जरीन के मायके वालों को इसकी जानकारी मिली तो उनके द्वारा ससुराल पहुच कर मामले की जानकारी की गई । ससुराल वालों ने कहा कि उसकी मौत बीमारी के चलते हुई थी। जिसके बाद जरीन के पिता के द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया और जब मामला कोर्ट पहुचा तो कोर्ट में पूरे मामले की गहनता से जांच के आदेश दिए। जिसके लिए जरीन को अपने ऊपर हुए अत्याचारों की गवाही देने के लिए कब्र से निकाला गया। अब देखना ये है कि जरीन की मौत का असली जिम्मेदार कौन है और कब तक उसको न्याय मिलेगा ये तो आने वाला वक्त बताएगा।

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