महाशिवरात्रि पर मंदिर में लगा भक्तों की भीड़

जनपद के अन्य शिवालयों पर सुबह से ही लोग अपनी बारी का इंतज़ार करते रहे

आजमगढ़ नगर की सरहद पर आजमगढ़-फैजाबाद राजमार्ग पर स्थित शिव का मन्दिर के रूप में भंवरनाथ मंदिर पर शिवरात्रि को लेकर अल्सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन पूजन व जल दूध चढाने के लिए उमड़ पड़ी। इसके अलावा जनपद के अन्य शिवालयों पर सुबह से ही लोग अपनी बारी का इंतज़ार करते रहे।

भंवरनाथ मंदिर सैकड़ों वर्षों से जनपदवासियों के लिये आस्था का केन्द्र बना हुआ है। बताते चलें कि जनपद में भगवान शिव के अनेक मंदिर है लेकिन भंवरनाथ मंदिर काफी प्रसिद्ध मंदिर है यह मंदिर पौराणिक महत्व समेटे हुए है इस कारण यहां पर आने वाली भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मान्यता है कि मंदिर के स्थान पर आसपास के क्षेत्र में सैकड़ों साल पहले घना जंगल था तथा एक बार इस देव स्थान पर किसी निर्माण कार्य के लिये लोगों ने जंगल की सफाई का कार्य जैसे ही प्ररम्भ किया, जमीन के अंदर से हजारों की संख्या में भौंरे निकले जिससे लोग भाग खड़े हुए, इसके बाद किसी तरह जब दूसरी बार फिर खुदाई शुरू हुई तो हजारों की संख्या में भौंरे के साथ ही सांप-बिच्छु निकलने लगे और लोगों को काटने लगे। इसके उपरान्त इसी स्थल पर शिवलिंग प्रकट हुआ लोगों ने इसे भगवान की इच्छा समझा और शिवलिंग की पूजा शुरू किये।

दूर-दूर तक इस देव स्थान की ख्याति है

भगवान शिव के अवतरित होने पर लोगों ने अपनी मनोकामना भी यहां पर रखनी शुरू कर दी और मनोकामना जब पूरे होने लगे तो दूर-दूर तक इस देव स्थान की ख्याति पहुंचने लगी। धीरे-धीरे हजारों की संख्या में लोग यहां पूजा अर्चन और मनौती मानने के लिये उमड़ने लगे। इसके बाद यहां पर भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया जो कि जनपद के साथ ही आसपास के जिलों के लोगों के लिये आस्था का केन्द्र बना। यहां पर लोग पुत्र की कामना के साथ आते हैं तो युवा अच्छी नौकरी तथा अच्छे जीवनसाथी की कामना के साथ पूजन अर्चन करते हैं। यहां पर शादी विवाह के कार्य संपन्न होते हैं। लोगों की मान्यता है कि यहां पर विवाह के दौरान भगवान शिव तथा अन्य देवों का सीधा आशीर्वाद मिलता है और वैवाहिक जीवन सफल रहता है।

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