कोरोना-लॉकडाउन की वजह से दिल्‍ली में घटा क्राइम, जानिए कितनी सुरक्षित हैं महिलाएं

नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में 2019 की तुलना में 2020 में कोविड-19 महामारी एवं लॉकडाउन (Lockdown) के बाद महिलाओं के विरूद्ध अपराधों में करीब 25 फीसदी कमी आयी है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के अनुसार शहर में 2020 में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के 10,093 दर्ज किये गये थे. जबकि उसके पिछले साल इस तरह के 13,395 मामले सामने आये थे. यानी 2019 की तुलना में 2020 में महिलाओं के विरूद्ध 24.65 फीसदी कम अपराध हुए हैं. हालांकि दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) ने पिछली साल सभी तरह के करीब 2.4 लाख मामले दर्ज किए हैं.

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 2020 में यहां शील भंग करने के इरादे से महिलाओं पर हमले के 1840, अपरहण के 2938, बलात्कार के प्रयास के नौ और बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या का एक मामला दर्ज किया गया है.

दिल्‍ली पुलिस की ये है प्राथमिकता
दिल्‍ली पुलिस ने पिछले साल 2.4 लाख मामले दर्ज किए यानी हर रोज करीब 650 केस. इसके अलावा दिल्‍ली पुलिस ने इस बार पिछली साल के 28,688 पेंडिंग मामलों को फिर से खोला है.हालांकि दिल्ली पुलिस ने सदैव इस बात पर बल दिया है कि महिलाओं की सुरक्षा उसकी शीर्ष प्राथमिकता है.

यूपी में बढ़ रहे मामले
बता दें कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार यूपी में भले ही महिला अपराध के मामलों में गिरावट दर्ज की गई हो, लेकिन अगर सभी मामलों को देखा जाए तो 2018 से लगातार आपराधिक मामले बढ़ रहे हैं. 2018 में कुल 3,42,355 मामले दर्ज किए गए, जो 2019 में बढ़कर 3,53,131 और 2020 में 3,55,110 हो गए.

यही नहीं, एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, अनुसूचित जातियों यानी एससी के खिलाफ अपराधों में वृद्धि देखी गई है. इनके खिलाफ कुल 50,291 मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि 2019 में 45,961 मामले दर्ज किए गए थे. एससी के खिलाफ अपराधों में करीब 9.4 फीसदी की वृद्धि हुई है.

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