कोरोना से बचाव के लिए सरकार और समाज का सहयोग जरूरी : मोदी

वाराणसी  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना से देशवासियों को बचाने की कोशिश में जुटे चिकित्सा कर्मियों की रविवार को एक बार फिर सराहना कर उनका उत्साहवर्धन किया तथा ‘ट्रैकिंग’, ‘ट्रेसिंग’ और ‘टेस्टिंग’, टीकाकरण सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए सरकार की ओर से समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों एवं एहतियाती उपायों पर अमल की अपील पर जोर देते हुए कहा कि जानलेवा संक्रमण से बचाव लिए सरकार और समाज दोनों का सहयोग जरूरी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोविड-19 की स्थिति को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से यहां के आलाधिकारियों के साथ बातचीत कर समीक्षा की। उन्होंने कोरोना से बचाव तथा कोरोना संक्रमित मरीजों के समुचित उपचार हेतु टेस्टिंग, बेड, दवाइयाँ, वैक्सीन तथा मैन पावर आदि की जानकारी ली तथा जनता को हर संभव सहायता त्वरित रूप से उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया ।

प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से अपील की कि ‘‘दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी‘‘ का पालन सभी लोगों द्वारा किया जाये। कोविड-19 के टीकाकरण अभियान के महत्त्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि 45 साल से ज्यादा की उम्र के सभी लोगों को इसके लिए जागरूक करें । उन्होंने अधिकारियों से संवेदनशीलता से वाराणसी के लोगों की हर संभव सहायता करने को कहा ।

मोदी ने देश के सभी डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों का आभार व्यक्त कर उनकी सराहना कर उनका उत्साह बढ़ाते कहा की इस संकट की घड़ी में भी वे अपने कर्त्तव्य का निष्ठापूर्ण पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें पिछले साल के अनुभवों से सीखते हुए सतर्क रहकर आगे बढ़ना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वाराणसी के प्रतिनिधि के रूप में वह आम जनता से भी निरंतर फीडबैक ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि वाराणसी में पिछले पांच-छह वर्षों में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और आधुनिकीकरण से कोरोना से लड़ने में सहायता मिली है। इसके साथ यहां बेड्स,आईसीयू और ऑक्सिजन की उपलब्धता को बढ़ाया जा रहा है। मरीजों की बढ़ी हुई संख्या से उत्पन्न दबाव को देखते हुए हर स्तर पर प्रयास बढाने की जरुरत पर भी प्रधानमंत्री ने विशेष बल दिया।

उन्होंने कहा कि जिस तरह वाराणसी जिला प्रशासन ने तेजी के साथ ‘काशी कोविड रिस्पोन्स सेन्टर’ स्थापित किया

है, वैसी ही तेजी हर कार्य में लायी जानी चाहिए।

मोदी ने टेस्ट,ट्रैक और ट्रिट’ करने पर जोर देते हुए कहा कि कोरोना के प्रथम लहर की तरह ही वायरस से जीतने के लिए यही रणनीति अपनानी होगी। संक्रमित व्यक्तियों की कंट्रैक, ट्रेसिंग और टेस्ट रिपोर्ट को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने पर भी बल दिया।

उन्होंने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों और उनके परिवार के प्रति भी सभी जिम्मेदारियों के संवेदनशील तरीके

से निर्वहन का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री ने वाराणसी के स्वयंसेवी संगठनों की प्रशंसा की और कहा उन्होंने जिस प्रकार सरकार के साथ कदम मिलकर कार्य किया है, उसे और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने स्थिति को देखते हुए अधिकाधिक सतर्कता और सावधानी बरतने की अपील दोहरायी।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम बैठक में जुड़े यहां के जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को कोविड-19 से बचाव तथा ईलाज के मद्देनजर क्षेत्र में की गयी तैयारियों की जानकारी विस्तार से दी। उन्हें कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए स्थापित कण्ट्रोल रूम, होम आइसोलेशन के लिए बनाये गए कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर, डेडीकेटेड फोन लाईन

एम्बुलेंस, कण्ट्रोल रूम से टेलीमेडिसीन की व्यवस्था, शहरी क्षेत्र में अतिरिक्त रैपिड रिस्पान्स टीम की तैनाती आदि विषयों पर जानकारी दी ।

मोदी को अधिकारियों ने बताया कि कोविड से बचाव के लिए अभी तक 1,98,383 व्यक्तियों को प्रथम एवं 35014

व्यक्तियों को वैक्सीनेशन की दोनों डोज लग चुकी है। इस वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी एवं रवीन्द्र जायसवाल, विधान पार्षद एवं वाराणसी के कोविड प्रभारी  ए0 के0 शर्मा, विधायक सुरेन्द्र नारायन सिंह, विधान पार्षद अशोक धवन तथा लक्ष्मन आचार्य, मण्डलायुक्त दीपक अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन0 पी0 सिंह, बीएचयू आईएमएस के निदेशक बी0 आर0 मित्तल, वाराणसी शहर के पुलिस आयुक्त ए0 सतीश गणेश, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, नगर आयुक्त  गौरांग राठी आदि मौजूद थे।

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