कांग्रेस ने सीएम बोम्मई को घेरा, राहुल गांधी ने लगाया ये आरोप

बेंगलुरु. बिटक्वाइन घोटाले के मुद्दे पर शनिवार को कांग्रेस (Congress) ने कर्नाटकर सरकार (Karnataka Government) पर जमकर आरोप लगाए. पार्टी का कहना है कि सत्तारूढ़ दल ने इस घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश की है. इस दौरान विपक्षी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की निगरानी वाली स्पेशनल इन्वेस्टिगेशन टीम से मामले की जांच कराए जाने की मांग की है, जिसमें अलग-अलग एजेंसियों के जानकार शामिल होंगे. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी घोटाले के दबाए जाने का मुद्दा उठाया है.

पार्टी ने राज्य के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई पर निशाना साधा. कांग्रेस ने कहा कि बीते साल जब मामला सामने आया था, तब वे गृहमंत्री थे. कांग्रेस ने कहा कि 26 साल के श्रीकृष्ण को नवंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था. साथ ही इस साल अप्रैल में जमानत मिलने से पहले उसे 100 दिनों तक हिरासत में भी रखा गया था. पार्टी ने केंद्र सरकार से भी मामले पर जवाब मांगे हैं.

 

उन्होंने दावा किया, ‘इस कथित हैकर ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया. उसने खुद माना कि उसने आठ बार हैकिंग की है और यह स्वीकार किया है कि उसने 5000 बिटक्वाइन चुराए, बहुत सारी जानकारी उसने नहीं दी है.’ उन्होंने कुछ दस्तावेज जारी करते हुए दावा किया, ‘दो मौकों पर एक दिसंबर, 2020 और 14 अप्रैल, 2021 को बिटक्वाइन ट्रांसफर किए गए. इस अवधि में कथित हैकर श्रीकृष्णा बेंगलुरू पुलिस की हिरासत में था. इस पूरे मामले में कर्नाटक की सत्ता में मौजूद लोगों पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की चुप्पी पर सवाल खड़े होते हैं.’

सुरजेवाला के मुताबिक, मुख्यमंत्री बसवराव बोम्मई ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और खुद कहा है कि उन्होंने इस बैठक के दौरान बिटक्वाइन घोटाले पर चर्चा की. उन्होंने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, मुख्यमंत्री और जेपी नड्डा से पूछना चाहते हैं कि बिटक्वाइन घोटाले के पीछे कौन लोग हैं?’ कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘इंटरपोल को सूचित क्यों नहीं किया गया? कर्नाटक की भाजपा सरकार नवंबर, 2020 में कथित हैकर की गिरफ्तारी होने के बाद पांच महीने चुप क्यों रही? मुख्यमंत्री की भूमिका और जिम्मेदारी क्या है क्योंकि इस पूरे घटनाक्रम के समय वह राज्य के गृह मंत्री थे? एनआईए, ईडी और दूसरी एजेंसियों तथा रिजर्व बैंक को सूचित क्यों नहीं किया गया?’ उन्होंने कहा, ‘इसकी जांच भाजपा सरकार नहीं कर सकती. यह एक अंतरराष्ट्रीय बिटक्वाइन घोटाला है. इसकी जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में एसआईटी गठित की जाए. इंटरपोटल, दूसरी संबंधित एजेंसियों और रिजर्व बैंक के प्रतिनिधियों को भी इस जांच में शामिल किया जाए.’

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