कांग्रेस विधायक की मांग, बिहार में खत्म हो शराबबंदी कानून

पटना।कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने पत्र लिखकर बिहार के मुख्यमंत्री से बहुत बड़ी मांग कर डाली है।कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर सूबे में लागू शराबबंदी कानून को समाप्त करने की मांग की है।अपने पत्र में विधायक अजीत शर्मा ने लिखा है कि सूबे में जब नीतीश सरकार के द्वारा शराबबंदी की कानून लागू की गई थी। तब कांग्रेस पार्टी साथ में थी।उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को लगा था कि एक अच्छा काम है।मगर पिछले साढे 4 वर्षों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रदेश में शराबबंदी सिर्फ कहने का रह गई है।हकीकत में शराबबंदी प्रदेश में लागू ही नहीं है।उन्होंने पत्र में लिखा है कि प्रदेश में शराबबंदी अवैध धन उगाही का साधन हो गया है।शराब दुकानों में ही नहीं बल्कि घर-घर पहुंच गई है।उन्होंने लिखा है कि शराबबंदी कानून लागू होने के बाद शराब की होम डिलीवरी शुरू हो गई है।जिसके चलते दुकानों के बजाए शराब अब घर घर पहुंच गए हैं।उन्होंने कहा कि कानून लागू होने के बावजूद शराब की होम डिलीवरी बदस्तूर जारी है।इस धंधे में पुलिस प्रशासन तथा सरकारी अफसर और राजनीतिज्ञ भी शामिल है।उन्होंने पत्र के माध्यम से सरकार को बताया कि इस धंधे में नई उम्र के लड़के लड़कियां भी पढ़ाई छोड़ कर शराब के होम डिलीवरी में लग गए हैं।

कांग्रेस विधायक ने पत्र में लिखा है कि जिस आशा के साथ शराब बंदी लागू की गई थी।वह अब सफल होते हुए नहीं दिख रही है।इस कानून से तो गरीब परिवार और भी आर्थिक बोझ तले दब गया है।क्योंकि पहले से दो तीन गुना अधिक कीमत पर लोग शराब का सेवन कर रहे हैं। इतना ही नहीं लाइसेंसी दुकानों में शराब नहीं मिलने के कारण नकली तथा जहरीली शराब की होम डिलीवरी की संभावना बढ़ गई है।उन्होंने लिखा है कि अब तक दर्जनों लोग जहरीली शराब पीने की वजह से मर गए हैं।कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि शराबबंदी से बिहार को चार से पांच हजारों रुपए के राजस्व की क्षति हो रही है। जबकि इससे दोगुनी राशि शराब माफियाओं तथा अवैध शराब के कारोबार में लगे लोगों के पाकेट में जा रही है। पत्र के माध्यम से कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने मुख्यमंत्री को सलाह दिया है कि शराबबंदी खत्म किया जाए तथा शराब को दोगुनी-तिगुने कीमत पर आरंभ कर उससे राजकोष में आने वाली राशि से बेरोजगारों को रोजगार तथा प्रदेश में कल कारखानों का निर्माण किया जाए।विधायक अजीत शर्मा के पत्र ने राजनीतिक गलियारों में सनसनी मचा दी है। क्योंकि अभी तक प्रदेश में लागू शराबबंदी के कानून के पूरी तरह से धरातल पर सफल नहीं होने के बावजूद किसी राजनीतिक दल ने इस प्रकार समाप्त करने की मांग नहीं की थी

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