कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया

नोटिस सुबह नौ बजकर 20 मिनट पर दाखिल किया गया और नियमों के अनुसार सुबह 10 बजे से पहले पेश किए गए किसी भी अविश्वास नोटिस पर उसी दिन सुनवाई होनी चाहिए।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया, ताकि उन्हें मणिपुर हिंसा सहित अन्य मुद्दों पर जवाब देने के लिए मजबूर किया जा सके।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के इस नोटिस को सदन में उठाने की उम्मीद थी। नोटिस सुबह 9.20 बजे दायर किया गया। नियमों के अनुसार, सुबह 10 बजे से पहले जमा किए गए किसी भी अविश्वास नोटिस पर उसी दिन सुनवाई होनी चाहिए।

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि प्रस्ताव पर बुधवार को लोकसभा में चर्चा होने की संभावना नहीं है और अध्यक्ष केवल यह देखेंगे कि नोटिस को 50 सदस्यों का समर्थन है या नहीं। एक सूत्र ने कहा, ‘स्पीकर समय और तारीख आवंटित करेंगे।

संसद में हंगामे और हंगामे तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा विपक्ष की इस मांग को मानने से इनकार करने के बाद नोटिस दिया गया कि मोदी मणिपुर मुद्दे पर बोलें।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में गतिरोध को तोड़ने का एक और प्रयास करते हुए विपक्ष के नेताओं को पत्र लिखकर पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर चर्चा की पेशकश की।इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के नेताओं ने मंगलवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के प्रस्ताव पर चर्चा की।

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा में नेता डेरेक ओ ब्रायन ने बाद में ट्वीट किया, “भारतीय दलों के लिए समग्र संसदीय रणनीति तैयार है। उस रणनीति को निष्पादित करने की रणनीति हर दिन विकसित होती है।
लोकसभा के नियम 198 में अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया बताई गई है। पिक्चर अभी बाकी है!”

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