CJI : हमने A टू Z तक सबको बेल दी , हर बार सरकार के खिलाफ नहीं जाए !
CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने 10 नवंबर को अपने कार्यकाल के समापन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात पर स्पष्ट प्रतिक्रिया दी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश CJI डीवाई चंद्रचूड़ की प्रधानमंत्री से मुलाकात पर प्रतिक्रिया
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने 10 नवंबर को अपने कार्यकाल के समापन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात पर स्पष्ट प्रतिक्रिया दी। गणेश चतुर्थी के दौरान प्रधानमंत्री ने CJI चंद्रचूड़ के घर पर एक निजी पूजा में हिस्सा लिया था, जिस पर कुछ विवाद उठे थे। उन्होंने इस मुलाकात को “सामान्य न्यायिक-कार्यपालिका संवाद” बताया और कहा कि यह कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं था।
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न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सामान्य संवाद
चंद्रचूड़ ने कहा कि उनके लिए यह मुलाकात न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच एक सामान्य संवाद का हिस्सा थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मुलाकात सामाजिक थी और इसका उद्देश्य कोई “सौदा” नहीं था। CJI ने लोगों से अपील की कि वे उनके फैसलों पर विश्वास रखें और बिना किसी पूर्वाग्रह के कार्य करें।
प्रधानमंत्री के साथ तस्वीरों पर प्रतिक्रिया
मुख्य न्यायाधीश से पूछा गया कि क्या उन्हें प्रधानमंत्री के साथ आई तस्वीरों में विपक्षी नेताओं या अन्य जजों को शामिल करना चाहिए था, तो उन्होंने इसे हल्के-फुल्के अंदाज में नकारा। उनका कहना था कि यह कोई “सेलेक्शन कमिटी” की बैठक नहीं थी, जैसा कि किसी संवैधानिक नियुक्ति में होता है।
जमानत मामलों में संवेदनशीलता
CJI ने न्यायपालिका में जमानत मामलों को लेकर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में जमानत के 21,000 से ज्यादा मामले दायर हुए थे और उन्हें सभी मामलों में न्यायपूर्ण फैसले दिए। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायपालिका को जमानत मामलों में अधिक सक्रियता दिखानी चाहिए ताकि निचली अदालतें भी जमानत देने में हिचकिचाएं नहीं।
न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर विचार
मुख्य न्यायाधीश ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्रता केवल कार्यपालिका से स्वतंत्रता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मतलब यह भी है कि न्यायपालिका को किसी भी दबाव या राजनीतिक प्रभाव से मुक्त रहना चाहिए।
विवादास्पद मुद्दों पर चुप्पी
कई राजनीतिक और कानूनी हस्तियों ने आरोप लगाया कि CJI ने कुछ संवेदनशील मामलों, जैसे नागरिकता संशोधन कानून, हिजाब बैन, और ‘लव जिहाद’ पर फैसले देने से परहेज किया। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील दुष्यंत दवे ने इस पर अपनी आलोचना की और आरोप लगाया कि चंद्रचूड़ ने संवेदनशील मामलों में कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया।
Chhath Puja : AAP राजनीतिक षड्यंत्र का आरोप
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी भूमिका और फैसलों पर एक स्पष्ट और दृढ़ बयान दिया है, हालांकि उनकी प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात और संवेदनशील मामलों पर चुप्पी को लेकर विवाद जारी है। उनके कार्यकाल के अंत तक उनकी विधिक विरासत पर चर्चा जारी रहेगी।