नहाए खाए के साथ आज से छठ महापर्व प्रारंभ, भक्ति में डूबा पूरा बिहार

पटना. लोक आस्‍था का महापर्व छठ पूजा 2021 की शुरुआत नहाए-खाए के साथ सोमवार से हो गया है. इस मौके पर पूरे बिहार में कद्दू-भात खाने की परंपरा है. इस दौरान सबसे पहले छठ व्रती भगवान भास्‍कर का स्‍मरण कर भोग लगाती हैं. इसके बाद ही अन्‍य लोग इसका सेवन करते हैं. छठ व्रती बड़ी तादाद में गंगा स्‍नान कर इस व्रत की शुरुआत करते हैं. इस दौरान मिट्टी के बरतन और चूल्‍हे का बड़ा महत्‍व होता है. गेहूं धोकर पूरी पवित्रता के साथ उसे सुखाया जाता है, फिर जाते में उस गेहूं को पीसा जाता है. उसी आटे का पकवान बनाकर भगवान भास्‍कर को अर्पित किया जाता है. बता दें कि घरों की छतों पर गेहूं सूखने के दौरान पवित्रता का पूरा खयाल रखा जाता है.

इस छठ पूजा 8 नवंबर से प्रारंभ हो रहा है. इस तरह 9 नवंबर को खरना होगा. इस दिन छठ व्रती के साथ पूरा परिवार दूध-भात, गुड़ और केले का सेवन करते हैं. इसके बाद 10 नवंबर को अस्‍ताचल सूर्य देवता को पहले अर्घ्‍य दिया जाता है. इसके अगले दिन यानी 11 नवंबर को अहले सुबह उगते हुए सूर्य को अंतिम अर्घ्‍य दिया जाता है. सुबह के अर्घ्‍य के साथ ही छठ महापर्व का समापन होता है. बता दें कि छठ महापर्व के मौके पर पूरे बिहार का माहौल भक्तिमय हो जाता है.

4 दिवसीय महापर्व में स्‍वच्‍छता का है काफी महत्‍व
चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. इस मौके पर नदी, नहर, तालाब आदि को साफ किया गया है, ताकि घाटों पर छठ व्रती पूजा-पाठ कर सकें. कोरोना संक्रमण के चलते आमलोगों और श्रद्धालुओं से विशेष सतर्कता बरतने का अनुरोध किया गया है. प्रशासन के स्‍तर पर भी इसका खास ख्‍याल रखा जा रहा है. छठ महापर्व कोविड प्रोटोकॉल के तहत मनाया जाए इसको लेकर व्‍यापक पैमाने पर तैयारी की गई है. वहीं, स्‍थानीय प्रशासन कई टीमें बनाकर इस पर विशेष ध्‍यान रख रहा है.

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