BSP नेता ने BJP नेता पर लगाया लोगों की भूमि कब्जा करने का आरोप

आजमगढ़ में बेशकीमती भूमि पर कब्जे को लेकर दो पक्ष आमने-सामने आ गए हैं। हालांकि अभी विवाद मीडिया के सामने अपना पक्ष रखकर हो रहा है। लेकिन दोनों पक्ष एक दूसरे पर जबरन जमीन कब्जा करने का प्रयास का आरोप लगा रहे हैं। एक पक्ष से बसपा के जिला उपाध्यक्ष आलोक सिंह कुंदन ने व उनके साथ करीब एक दर्जन परिवार ने भाजपा नेता व व्यापारी ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू पर कोलबाजबहादुर में रोडवेज बाईपास बंधा पर कई लोगों के द्वारा बैनामा की गई बेशकीमती जमीन बंदूक के बल पर हड़पने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू का कहना है कि वह 1 इंच भी किसी की जमीन नहीं लिए हैं। उन्होंने बैनामा कराया था खारिज दाखिल कराया और अमल बरामद कराए है। प्रशासन ने पैमाइश भी किया है लेकिन विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। एक होटल में प्रेस वार्ता में आलोक सिंह कुंदन का कहना है कि ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू मात्र 3 या 3.30 बिस्वा जमीन बैनामा लिए हैं लेकिन करीब डेढ़ बीघा भूमि पर काबिज होना चाह रहे हैं और रोज मिट्टी पाटकर लोगों की जमीन हड़प रहे हैं। उनका आरोप है कि ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू अपना संबंध मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्री तक बताते हैं। जिसके चलते प्रशासन कुछ भी करने में नाकाम है। बंदूक के नोक पर सीधे-साधे लोग जो कोई एक बिस्वा, कोई 20 कड़ी, कोई 2 बिस्वा जमीन खरीदा है उसको कब्जा नहीं करने दे रहे हैं। राजस्व की टीम आकर पैमाइश भी कर गई लेकिन खूंटा गाड़ने के बाद भी उसको मानने को तैयार नहीं हैं। अगर शासन प्रशासन से कोई नहीं सुनवाई होगी तो सभी पीड़ित आत्मदाह करने को मजबूर होंगे। वहीं दूसरी तरफ मामले में ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू का कहना है कि वह खुद ही पीड़ित हैं। सुनियोजित तरीके से साजिश रच कर मीडिया को बुलाकर प्रेस वार्ता रखी गई थी। यह उनकी छवि को खराब करने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने काफी पहले वह जमीन बैनामा कराई थी और प्रक्रिया का पालन कर उस पर काबिज हैं। जितने लोग भी जमीन को अपना बता रहे हैं। सही बात यह है कि जमीन सबकी दूरदराज है लेकिन सब पास में आकर रोड के किनारे अपनी बता रहे हैं। किसी की जमीन है कि नहीं अभी तय नहीं है। जहां तक भाजपा है तो वह भाजपा से ज्यादा दिन से नहीं जुड़े हैं। इससे पहले कांग्रेस वह भी कांग्रेस में राम नरेश यादव जी के कारण जड़े थे। वहीं भाजपा की सरकार में कोई दूसरे की 2 इंच जमीन भी कब्जा नहीं कर सकता, तो यह • आरोप सरासर गलत है कि वह इतने बड़े पैमाने पर भूमि कब्जा कर रहे हैं। सपा की सरकार हो बसपा की सरकार हो या भाजपा की सरकार लगातार इस भूमि पर एप्लीकेशन पढ़ते रहे हैं। हाई कोर्ट का डायरेक्शन हुआ है। इसके अलावा प्रशासन ने भी कार्रवाई की है टीम बनाकर पैमाइश की गई है। अलग- अलग भी की गई है लेकिन आज तक निर्धारण नहीं हो सका है। वह खुद भी साफ-सुथरे तरीके से जमीन पर काबिज होना चाहते हैं। उनकी कोई मंशा नहीं किसी की जमीन कब्जा करें। 2 या 3 बिस्वा देकर अगर शांति से मामला हाल हो जाता है तो भी वह तैयार हैं।

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