पाकिस्तान को काटो तो खून नही, बिश्केक में इतनी देर तक क्या बात करते रहे मोदी और जिनपिंग!

किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के दौरान बातचीत हुई | मुलाक़ात के लिए 20 मिनट का वक़्त तय था लेकिन ये मीटिंग कहीं ज़्यादा वक़्त तक चली | नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति के साथ मुलाक़ात को बहुत ही लाभदायक बताया | मोदी ने ट्विटर पर लिखा, “राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बेहद लाभदायक मुलाक़ात रही | हमारी बातचीत में भारत-चीन रिश्तों के सभी आयामों पर चर्चा हुई | हमारे देशों के आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्तों को बेहतर करने के लिए हमें साथ काम करते रहना होगा |” मोदी ने जिनपिंग को अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए भारत आमंत्रित किया जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया |

ये सम्मेलन किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में हो रहा है | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-पाकिस्तान रिश्तों को लेकर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कहा है कि पाकिस्तान को ‘आंतकवाद से मुक्त महौल बनाने की जरूरत है | फ़िलहाल हम ऐसा होता नहीं देख रहे हैं |’

मोदी ने बिश्केक पहुंचने के बाद सबसे पहले शी जिनपिंग से ही मुलाक़ात की | आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत और जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से ‘ग्लोबल टेररिस्ट’ घोषित किए जाने के बाद दोनों नेताओं की ये पहली मुलाक़ात थी |

भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच “पाकिस्तान को लेकर संक्षेप में बातचीत हुई | वक्त कम थ | मुलाक़ात के लिए 20 मिनट का वक़्त तय था लेकिन ये मीटिंग कहीं ज़्यादा वक़्त तक चली |” गोखले के मुताबिक, “प्रधानमंत्री (मोदी) ने कहा कि पाकिस्तान को लेकर हमारी स्थिति में एकरूपता है हम सभी मुद्दों पर दोतरफा प्रक्रिया के तहत बात करें | हम बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं | हम इस प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध हैं |”
मोदी और जिनपिंग की मुलाक़ात के बाद गोखले ने कहा, “प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस दिशा में प्रयास किया है, लेकिन इन कोशिशों को पटरी से उतार दिया गया | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बताया कि पाकिस्तान को आतंकवाद से मुक्त माहौल बनाने की जरूरत है | फ़िलहाल हम ऐसा होता नहीं देख रहे हैं* हम पाकिस्तान की ओर से ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद करते हैं |” इसके पहले अप्रैल 2018 में दोनों नेताओं के बीच चीन के वुहान में अनौपचारिक शिखर वार्ता हुई थी | ये मुलाकात दोनों देशों के बीच साल 2017 में डोकलाम को लेकर बने तनाव के बाद हुई थी | वुहान में हुई शिखर वार्ता के बाद से दोनों देशों ने रिश्ते बेहतर करने के लिए कदम उठाए हैं |

शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान भी हिस्सा ले रहे हैं लेकिन उनकी और प्रधानमंत्री मोदी की कोई द्विपक्षीय मुलाकात नहीं होनी है |

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