कई देशों में कोरोना का अटैक, भारत में अलर्ट.. क्या हैं JN.1 वैरिएंट के लक्षण ? इन लोगों को बूस्टर डोज जरूरी..

नई दिल्ली, 22 मई 2025: एशिया के कई देशों में कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर से वृद्धि देखी जा रही है। सिंगापुर, चीन, थाईलैंड, हांगकांग और भारत में संक्रमण के नए मामलों में इजाफा हुआ है, जिसका मुख्य कारण JN.1 वैरिएंट और इसके उप-संस्करण LF.7 और NB.1.8 को माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, कमजोर होती रोग प्रतिरोधक क्षमता और नए वैरिएंट्स के कारण संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है।

सिंगापुर और थाईलैंड में तेजी से बढ़े मामले

सिंगापुर में 27 अप्रैल से 3 मई 2025 के बीच कोविड-19 के मामलों में 28% की वृद्धि दर्ज की गई, जहां संक्रमण के मामले 11,100 से बढ़कर 14,200 हो गए। थाईलैंड में भी अप्रैल में मनाए गए सोंगक्रान उत्सव के बाद मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, जहां केवल छह दिनों में 33,000 से अधिक नए मामले सामने आए।

भारत में स्थिति नियंत्रण में, लेकिन सतर्कता जरूरी

भारत में वर्तमान में 257 सक्रिय कोविड-19 मामले हैं, जिनमें से अधिकांश केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में हैं। हालांकि, अधिकांश मामले हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं पड़ी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की अपील की है।

JN.1 वैरिएंट: लक्षण और सावधानियां

JN.1 वैरिएंट, जो ओमिक्रॉन BA.2.86 का उप-संस्करण है, तेजी से फैलने की क्षमता रखता है। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, थकान, गले में खराश और सिरदर्द शामिल हैं। हालांकि, अधिकांश मामलों में गंभीरता नहीं देखी गई है, लेकिन संक्रमण की रोकथाम के लिए मास्क पहनना, हाथ धोना और सामाजिक दूरी बनाए रखना आवश्यक है।

बूस्टर डोज की आवश्यकता

विशेषज्ञों का मानना है कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों, बुजुर्गों और सह-रुग्णता वाले लोगों को बूस्टर डोज लेने की सलाह दी जा रही है। हांगकांग और सिंगापुर जैसे देशों में भी उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए बूस्टर डोज की सिफारिश की गई है।

जोखिम वाले व्यक्तियों को बूस्टर डोज

हालांकि भारत में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन एशिया के अन्य देशों में मामलों की वृद्धि चिंता का विषय है। जनता को सतर्क रहने, मास्क पहनने, हाथ धोने और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने की सलाह दी जाती है। उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को बूस्टर डोज लेने पर विचार करना चाहिए।

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