BJP ने शेयर किया Panchayat 4 का क्लिप.. विधायक को बताया ‘जॉर्ज सोरोस’.. बनराकस को ‘राहुल गाँधी’, बवाल!

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हाल ही में अपने आधिकारिक ट्विटर (अब X) हैंडल से एक विडंबना भरा वीडियो साझा किया है, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। यह वीडियो दरअसल हाल ही में अमेज़न प्राइम पर रिलीज़ हुई चर्चित वेब सीरीज़ ‘पंचायत सीज़न 4’ की एक लोकप्रिय क्लिप पर आधारित है, जिसमें पात्रों की पहचान बदलकर जॉर्ज सोरोस और राहुल गांधी के रूप में पेश किया गया है। वीडियो में व्यंग्य और हास्य के ज़रिए राजनीतिक कटाक्ष किया गया है, जो न केवल चौंकाने वाला है बल्कि सत्ता पक्ष के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर गंभीर सवाल भी खड़े करता है।
वीडियो में क्या है? – राहुल गांधी बनाम सोरोस का व्यंग्यात्मक दृश्य
इस क्लिप में, जो असल में पंचायत सीज़न 4 का एक दृश्य है, एक पात्र को जॉर्ज सोरोस और दूसरे को राहुल गांधी के रूप में पहचान दी गई है। वीडियो के ऊपर लिखा गया है:
“जितनी भी फंडिंग कर लो, वोट तो जनता BJP को ही देगी।”
इस पर प्रतिक्रिया में ‘सोरस’ कहता है:
“तो क्या करें हम, नाचें क्या?”
और अगले ही पल वह पात्र सचमुच नाचने लगता है। इसे राहुल गांधी की कथित राजनीतिक विफलताओं और विदेशी फंडिंग से भी अपेक्षित परिणाम न मिलने पर कटाक्ष के रूप में दिखाया गया है।
BJP का वीडियो पोस्ट करना क्यों है चौंकाने वाला?
इस वीडियो को BJP ने अपने ऑफिशियल हैंडल से शेयर किया है, जो किसी सामान्य कार्यकर्ता या मीम पेज की बजाय पार्टी की राष्ट्रीय पहचान का प्रतिनिधित्व करता है। एक वेब सीरीज़ की क्लिप को एडिट कर इस प्रकार विपक्षी नेता की छवि के साथ मज़ाक बनाना पहले शायद ही कभी देखा गया हो। राजनीतिक आलोचना और व्यंग्य आम बात है, लेकिन सत्ताधारी दल का इस तरह खुलकर व्यक्तिगत व्यंग्य के स्तर पर उतरना अपने आप में असामान्य है।
सोरोस ने प्लॉट रचा, कैरेक्टर भी फिट कर लिया,
लेकिन ये भूल गए, कि क्लाइमेक्स तो भारत की जनता ही लिखेगी… 🇮🇳📈 pic.twitter.com/N8mxuuIpz2
— BJP (@BJP4India) July 2, 2025
जॉर्ज सोरोस का संदर्भ क्यों जोड़ा गया?
जॉर्ज सोरोस, जो एक अमेरिकी अरबपति समाजसेवी हैं, हाल के वर्षों में भारतीय राजनीति में विवाद का केंद्र बने हैं। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की है और भारत में लोकतंत्र को लेकर चिंता जताई थी। इसके बाद BJP ने कई बार आरोप लगाया है कि राहुल गांधी और विपक्षी पार्टियां, विदेशी एजेंडों से प्रेरित हैं, और सोरोस उनके लिए फंडिंग का प्रतीक बन गए हैं।
राजनीति में मीम्स और मज़ाक – एक नई बहस की शुरुआत?
राजनीति में मीम्स और व्यंग्य का इस्तेमाल पहले भी होता रहा है, लेकिन जब कोई राष्ट्रीय राजनीतिक दल – और वह भी सत्ताधारी – अपने आधिकारिक मंच से इस तरह का डिस्नीफाई किया हुआ, हास्यपूर्ण राजनीतिक हमला करता है, तो सवाल उठता है कि क्या अब राजनीतिक विमर्श इस स्तर तक सिमट जाएगा? क्या यह लोकतांत्रिक संवाद के लिए स्वस्थ संकेत है?
विपक्ष की प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया की चर्चा
अब तक कांग्रेस या राहुल गांधी की ओर से इस वीडियो पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विपक्षी समर्थकों और राजनीतिक विश्लेषकों में इसको लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ इसे BJP की सॉफ्ट पावर स्ट्रैटेजी बता रहे हैं तो कुछ इसे राजनीतिक मर्यादा से गिरा हुआ कदम।
सोशल मीडिया सिर्फ प्रचार का मंच नहीं रहा
यह वीडियो चाहे लोगों को हँसी दे या गुस्सा, लेकिन इतना तय है कि भारतीय राजनीति में अब सोशल मीडिया सिर्फ प्रचार का मंच नहीं रहा, बल्कि प्रतिद्वंद्विता का एक हथियार बन चुका है। पंचायत जैसी मासूम सी वेब सीरीज़ के दृश्य को राजनीतिक हथियार में बदल देना इस बात का संकेत है कि अब राजनीति में हास्य और प्रचार का फ्यूजन और तेज़ होने वाला है।