गोरखपुर में बर्ड फ्लू का कहर! क्या आप भी खा चुके हैं संक्रमित चिकन?”

गोरखपुर में बर्ड फ्लू का खतरा एक बार फिर गहराता नजर आ रहा है। शहर की चार मीट दुकानों पर लिए गए सैंपल्स में बर्ड फ्लू वायरस की पुष्टि हुई है। ये सैंपल 20 मई को लिए गए थे, जिनकी रिपोर्ट 30 मई को आई। चौंकाने वाली बात यह है कि वायरस सीधे मुर्गों में नहीं, बल्कि उन्हें काटने वाले चाकू, चॉपिंग बोर्ड और पानी में पाया गया है। इस दौरान हजारों लोग इन दुकानों से मीट खरीदकर खा चुके हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी चिंता बढ़ गई है।
संक्रमण के पीछे का वैज्ञानिक सच: चाकू में वायरस का मतलब क्या है?
रिपोर्ट के मुताबिक, जिन उपकरणों और माध्यमों में बर्ड फ्लू वायरस पाया गया है, उनसे यह संकेत मिलता है कि उन चाकुओं से संक्रमित मुर्गों को काटा गया होगा। चॉपिंग बोर्ड और पानी में वायरस की मौजूदगी दर्शाती है कि इनका बार-बार उपयोग किया गया, और संक्रमण फैलने का खतरा कई गुना बढ़ गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला केवल सतह पर संक्रमण का नहीं, बल्कि संभावित संक्रमण के प्रसार का संकेत भी हो सकता है।
मुर्गा कहां से आया? जांच में उलझा मामला
पशुपालन विभाग की प्रारंभिक जांच के अनुसार, जिन दुकानों से सैंपल लिए गए, वे सभी फुटकर विक्रेता हैं। दुकानदार यह बताने में असमर्थ हैं कि उन्होंने मुर्गा कहां से खरीदा, क्योंकि अधिकतर ने इन्हें बिचौलियों के माध्यम से मंगवाया था। इससे ट्रेसिंग प्रक्रिया और भी जटिल हो गई है। फिलहाल विभाग स्रोत की पहचान में जुटा है ताकि संक्रमण की जड़ तक पहुंचा जा सके।
चिड़ियाघर में पहले ही फ्लू से बाघिन और कौओं की मौत
इससे पहले गोरखपुर चिड़ियाघर में बाघिन शक्ति की मौत बर्ड फ्लू से हो चुकी है। वहीं, कौओं की मौत के बाद उनके सैंपल में भी फ्लू की पुष्टि हुई थी। यह दर्शाता है कि वायरस पहले से ही वातावरण में सक्रिय था और अब यह मानव उपभोग वाली मीट दुकानों तक पहुंच चुका है।
पशुपालन विभाग का अलर्ट, कंट्रोल रूम सक्रिय
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. धर्मेंद्र पांडेय ने बताया कि पशु चिकित्सालय सदर में कंट्रोल रूम बनाया गया है जिसकी जिम्मेदारी डॉ. मनीष चंद को दी गई है। कंट्रोल रूम का नंबर 8009251906 है, जिस पर नागरिक मृत पक्षियों या पक्षियों की असामान्य मौत की सूचना दे सकते हैं।
रैपिड रिस्पॉन्स टीम एक्टिव, 1 किलोमीटर की परिधि में अभियान
डॉ. पांडेय ने बताया कि जिन इलाकों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, वहां 1 किलोमीटर के दायरे में जीवित पक्षियों को मारने (किलिंग) और विसंक्रमित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। जिला स्तरीय रैपिड रिस्पॉन्स टीम को एक्टिव कर दिया गया है जो पूरे इलाके की निगरानी कर रही है।
जनता के लिए सुझाव और सतर्कता की अपील
संक्रमित क्षेत्रों से मीट खरीदने से बचें
केवल प्रमाणित दुकानों से मुर्गा/मीट लें
चिकन को कम से कम 70°C पर पकाएं
पक्षियों की असामान्य मौत या लक्षण दिखें तो तुरंत कंट्रोल रूम पर सूचना दें
गोरखपुर में बर्ड फ्लू को लेकर हालात गंभीर होते जा रहे हैं। मीट दुकानों पर संक्रमण की पुष्टि से साफ है कि इस बार खतरा आम नागरिकों तक पहुंच चुका है। समय रहते सावधानी और विभागीय सख्ती ही इस वायरस के प्रसार को रोक सकती है।