गोपाल खेमका मर्डर केस से गरमाई बिहार की सियासत: राहुल बोले ‘क्राइम कैपिटल’, तेजस्वी ने भी कहा ये…देखे ख़बर

पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र में बड़े व्यवसायी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या ने राज्य की कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि बिहार में बढ़ते अपराध और प्रशासनिक विफलता का प्रतीक बन गई है। इस घटना ने जहां व्यवसायिक वर्ग को हिला कर रख दिया है, वहीं विपक्ष को सत्ताधारी गठबंधन पर निशाना साधने का एक बड़ा मुद्दा मिल गया है।

मौके पर ही मौत

शुक्रवार देर रात पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र में स्थित एक व्यस्त इलाके में व्यवसायी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। खेमका पटना के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी थे और उनका व्यवसायिक और सामाजिक दायरा काफी व्यापक था।
इस वारदात की भयावहता इस बात से भी समझी जा सकती है कि घटना थाना से कुछ ही कदमों की दूरी पर हुई, जो कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति को दर्शाती है।

छह साल पहले बेटे की भी हत्या,

गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की भी वर्ष 2018 में वैशाली के औद्योगिक थाना क्षेत्र में हत्या कर दी गई थी। उस वक्त भी यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था।
अब पिता की हत्या ने फिर से उसी दर्द को दोहरा दिया है और सवाल उठाए हैं कि क्या व्यवसायियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता में नहीं है?

“बिहार बन गया है क्राइम कैपिटल”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से नीतीश कुमार और भाजपा की गठबंधन सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
उन्होंने लिखा,

“बिहार अब लूट, गोली और हत्या के साए में जी रहा है। अपराध यहां नया नॉर्मल बन चुका है और सरकार पूरी तरह नाकाम। अब वक्त है नए बिहार का – जहां डर नहीं, तरक्की हो।”

राहुल गांधी ने आगे कहा कि जो सरकार बच्चों की सुरक्षा नहीं कर सकती, वो आपके भविष्य की जिम्मेदारी कैसे ले सकती है।

तेजस्वी यादव का निशाना: “हर महीने हो रही व्यापारियों की हत्याएं, ये है जंगलराज”
राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी इस हत्या पर सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा,

“थाना से चंद कदम दूर पटना में बिहार के बड़े व्यापारी की हत्या कर दी गई। हर महीने सैकड़ों व्यापारियों की हत्या हो रही है। लेकिन इसे जंगलराज नहीं कह सकते, क्योंकि ये मीडिया मैनेजमेंट और परसेप्शन कंट्रोल का दौर है।”

तेजस्वी ने यह भी कहा कि बिहार में अब कोई सुरक्षित नहीं रह गया, और आने वाले चुनावों में जनता इसका जवाब देगी।

विधानसभा चुनाव से पहले कानून व्यवस्था बना चुनावी मुद्दा

बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे समय में इस तरह की हाई-प्रोफाइल हत्या से राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है।
विपक्ष इसे ‘बिहार में जंगलराज की वापसी’ बताकर सरकार पर चौतरफा हमला कर रहा है। वहीं, व्यवसायिक वर्ग में भी भय और असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

सुरक्षा पर सवाल, सियासत गरम, बिहार का भविष्य अधर में

गोपाल खेमका की हत्या ने एक बार फिर बिहार में आमजन, खासकर व्यवसायियों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे बड़े नेताओं के बयान इस मुद्दे को चुनावी रंग दे चुके हैं। अब देखना ये होगा कि सरकार इस हत्याकांड की जांच कैसे करती है और दोषियों को क्या सजा मिलती है।

Related Articles

Back to top button