भूपेंद्र यादव ने कहा फॉर्मल कपड़ों में आए अधिकारी दफ्तर में

पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड को लेकर एक आदेश जारी किया है जोकि इन दिनों चर्चा में है। इस आदेश में कर्मचारियों और अधिकारियों को ड्यूटी के दौरान कैजुअल के बजाय फॉर्मल पहनावे में रहने का फरमान जारी किया गया है। अमूमन मंत्रालयों के सिविलियन स्टाफ के लिए किसी प्रकार का ड्रेस कोड नहीं होता है। बताते चलें कि हाल ही में मोदी कैबिनेट में हुए बदलाव के बाद भूपेंद्र यादव ने पर्यावरण मंत्रालय का कार्यभार संभाला था।

कुछ दिनों पहले दिल्ली स्थित पर्यावरण भवन में अधिकारियों से बात की गई और यह जानने की कोशिश की गई कि क्या पहले किसी तरह के ऑफिशियल पहनावे का आदेश जारी किया गया था। अगर आदेश जारी किया गया था तो उसके तहत ऑफिस टाइम के दौरान किस तरह के पहनावे की बात की गई थी।

इसके बाद 23 जुलाई को एक आदेश जारी किया गया जिसके तहत मंत्रालय के सभी विभागों को चिह्नित किया गया, इस आदेश के अनुसार कहा गया कि हाल ही में किए गए निरिक्षण के बाद यह देखा गया है कि कुछ अधिकारी, कर्मचारी व सलाहकार ड्यूटी के दौरान कैजुएल पहने हुए हैं। MEF ने सुझाव दिया कि सभी अधिकारी, कर्मचारी ऑफिस टाइम के दौरान ऑफिशियल ड्रेस ही पहनें। आदेश के अनुसार ऐसा नहीं होने पर संबंधित विभाग उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कर सकते हैं।

अब इस आदेश के बाद अधिकारी और कर्मचारी परेशान हैं, उनके मुताबिक अब तक किसी भी ड्रेस को ऑफिशियल पहनावा नहीं बताया गया है। गौर हो कि सरकारी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए किसी तरह का ड्रेस कोड निर्धारित नहीं है। बदलते दौर में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की पसंद बदलती जा रही है, नए परिवेश में अक्सर अधिकारी व कर्मचारी आधुनिक वेशभूषा में दिख जाते हैं। ऐसे में जीन्स टीशर्ट और स्पोर्ट्स शूज में दफ्तर पहुंचना आम हो गया है।

पिछले साल महाराष्ट्र में सरकारी कर्मचारियों को अनुशासन में रहने के लिए ड्रेस कोड जारी किया गया था। बिहार व राजस्थान में भी सरकारी कर्मचारियों के जीन्स टीशर्ट पहनकर दफ्तर आने पर रोक लगाई गई थी। कुछ हफ्ते पहले उत्तर प्रदेश के सचिवालय में भी कर्मचारियों के जीन्स और टी-शर्ट पहनने पर रोक लगाई गई थी।

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