बांग्लादेश के मंत्री ने भारत में घुसपैठ के दावों को बताया निराधार

डॉ. हसन महमूद ने कहा कि बांग्लादेश में भी, विपक्षी बीएनपी ने प्रचार किया कि अगर शेख हसीना की सरकार सत्ता में आई तो बांग्लादेश का भारत में विलय हो जाएगा लेकिन शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश में 14 साल से अवामी लीग की सरकार चल रही है।

ढाका। बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण मंत्री डॉ. हसन महमूद ने टिप्पणी की कि बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ के आरोप निराधार हैं। उन्होंने दावा किया कि कई लोग राजनीति के लिए निराधार बातें करते हैं लेकिन बांग्लादेश की आर्थिक प्रगति अब उस बिंदु पर पहुंच गई है, जहां देश छोड़ने की कोई जरूरत नहीं है।

मंगलवार को ढाका में सूचना मंत्रालय के सूचना भवन में पश्चिम बंगाल एवं असम के पत्रकारों के एक सम्मेलन में एक पत्रकार ने पूछा कि जब भारत में चुनाव आता है, तो घुसपैठ की बात होती है। एनआरसी और सीएए अब भारत की घरेलू राजनीति में बहुत महत्वपूर्ण हैं। बांग्लादेश का विषय भी चुनाव के दौरान आता है। क्या यह बांग्लादेश का अपमान नहीं है? इसके जवाब में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के कैबिनेट में सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि एक करोड़ बांग्लादेशी विदेश में रहते हैं और हर साल दस लाख से ज्यादा नागरिक विदेश जाते हैं। हमारे देश के लोगों की प्रति व्यक्ति आय में काफी वृद्धि हुई है। जो कई देशों से ज्यादा है। इसलिए अब आर्थिक कारणों से किसी को भी भारत और पड़ोसी देशों में नहीं जाना पड़ेगा।

डॉ. हसन महमूद ने कहा कि बांग्लादेश में भी, विपक्षी बीएनपी ने प्रचार किया कि अगर शेख हसीना की सरकार सत्ता में आई तो बांग्लादेश का भारत में विलय हो जाएगा लेकिन शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश में 14 साल से अवामी लीग की सरकार चल रही है। हम इन निराधार टिप्पणियों को महत्व नहीं देते हैं।
मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश का निर्यात बढ़ा है। ऐसी स्थिति में घुसपैठ के बारे में प्रचार हमारे देश के लोगों को आहत करता है।
सांप्रदायिक सद्भावना में मीडिया की भूमिका को किया रेखांकित
मंत्री डॉ. हसन महमूद ने दावा किया है कि बीएनपी बांग्लादेश के सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। इस स्थिति में दोनों देशों के पत्रकारों को सावधान रहना चाहिए।

दो साल पहले दुर्गा पूजा के दौरान मूर्तियों को तोड़े जाने को लेकर दोनों देशों में हंगामा हुआ था। मंगलवार को ढाका के सूचना भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में डॉ. हसन महमूद ने कहा, “सिर्फ वह घटना ही नहीं, पिछले कुछ वर्षों में बीएनपी-समर्थकों ने इस देश में सांप्रदायिक शांति को भंग करने की हर संभव कोशिश की है। इसमें बहुत हद तक मीडिया का भी सहारा लिया जातै है। बांग्लादेश में हर साल दुर्गा पूजा करने वालों की संख्या बढ़ रही है और सरकार मददगार बनती है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि ”धर्म अपना, त्योहार सबका”।
डॉ. हसन ने कहा, ‘भारत-बांग्लादेश के मधुर संबंध दोनों देशों को कई तरह से फायदा पहुंचा रहे हैं। ऐसे में बांग्लादेश की तमाम बुरी ताकतें बीएनपी गठबंधन की सदस्य बन गई हैं। इसलिए मैं दोनों देशों के पत्रकारों से अनुरोध करता हूं कि वे आधारहीन खबरें न बनाएं।’

इस संदर्भ में, डॉ. हसन महमूद ने डिजिटल मीडिया के माध्यम से सख्त कानूनों को लागू करने के लिए वैश्विक सहमति की आवश्यकता पर बल दिया। सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ”पूरी दुनिया में सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार कर अशांति फैलाने की कोशिश की जा रही है। लगभग हर देश इस संबंध में एहतियाती कदम उठा रहा है। बांग्लादेश में भी डिजिटल सुरक्षा अधिनियम लागू किया गया है। प्रत्येक सक्रिय समूह को सूचीबद्ध किया जाना चाहिए।”

प्रेस क्लब कोलकाता के अध्यक्ष स्नेहाशीष सूर ने अतिथि पत्रकारों की ओर से मंत्री की प्रासंगिक टिप्पणियों का पूरा समर्थन किया और कहा, “हर देश के पत्रकारों की जिम्मेदारी होती है कि वे सटीक और सकारात्मक समाचार प्रदान करें।’

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