जिसे बांग्लादेश डिपोर्ट किया गया, वो 45 दिन बाद दोबारा भारत के उसी घर में मिला.. चक्कर में पड़ी पुलिस भी हैरान !

दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के बावजूद एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। 45 दिन पहले जिसे दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेश डिपोर्ट किया था, वो ट्रांसजेंडर नागरिक सुहान खान दोबारा उसी इलाके में पाया गया जहां से उसे गिरफ्तार किया गया था। इस घटना ने भारत की सीमाओं की सुरक्षा और अवैध घुसपैठ पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पहले भी हुआ था गिरफ्तार, फिर डिपोर्ट किया गया था बांग्लादेश
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के शालीमार बाग इलाके से ट्रांसजेंडर सुहान खान को 15 मई को पहली बार गिरफ्तार किया गया था। वह उन 300 बांग्लादेशी नागरिकों में शामिल था जिन्हें अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में पकड़ा गया था। इसके बाद उसे फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (FRRO) के जरिए जून के पहले सप्ताह में हिंडन एयरबेस से फ्लाइट के जरिए त्रिपुरा के अगरतला ले जाया गया और वहां से बांग्लादेश सीमा पर डिपोर्ट किया गया।
मानसिक बीमारी का नाटक कर फिर से घुसा भारत में
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डिपोर्ट किए जाने के बाद सुहान ने मानसिक रूप से अस्वस्थ होने का नाटक किया और कुछ दिनों तक त्रिपुरा सीमा पर घूमता रहा। जैसे ही उसे मौका मिला, अंधेरे का फायदा उठाकर वह एक बार फिर अवैध रूप से भारत में घुस आया। सुहान अगरतला से आनंद विहार रेलवे स्टेशन तक ट्रेन से पहुंचा और उसके बाद सीधे शालीमार बाग लौट आया।
फिर से दिल्ली में भीख मांगते पकड़ा गया
30 जून को दिल्ली पुलिस ने विशेष अभियान के तहत छापेमारी कर शालीमार बाग इलाके से सुहान समेत सात लोगों को हिरासत में लिया। इनमें से पांच ट्रांसजेंडर लोग, जिनमें सुहान भी शामिल था, इलाके में भीख मांगते पाए गए। पूछताछ के दौरान उन्होंने खुद को भारतीय नागरिक बताया, लेकिन दस्तावेजों की जांच के बाद ये दावा झूठा साबित हुआ।
मोबाइल में मिला प्रतिबंधित मैसेजिंग ऐप
उत्तर-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त भीष्म सिंह ने बताया कि छापेमारी के दौरान तीन स्मार्टफोन जब्त किए गए, जिनमें से एक में प्रतिबंधित मैसेजिंग ऐप मिला है। इस ऐप का उपयोग वे लोग बांग्लादेश में मौजूद अपने परिवारवालों से संपर्क के लिए कर रहे थे। यह भी जांच का विषय है कि इस ऐप का इस्तेमाल किसी अवैध गतिविधि के लिए तो नहीं हो रहा था।
बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे थे सभी लोग
पुलिस ने बताया कि इस गिरोह में शामिल अन्य दो लोग, एक पुरुष और एक महिला भी अवैध रूप से भारत में रह रहे थे और उनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। सभी सात लोगों से पूछताछ की जा रही है और मामले की जानकारी FRRO तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सौंप दी गई है।
अवैध प्रवासियों पर कड़ी निगरानी का दावा
दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया है कि देश के सभी मेट्रो शहरों में अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिकों पर विशेष निगरानी अभियान चलाया जा रहा है। इस मामले ने दिखा दिया है कि कैसे कुछ लोग डिपोर्ट किए जाने के बावजूद दोबारा भारत में घुसपैठ कर लेते हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।