1 गाँव.. 15 दिन.. हार्ट अटैक से 12 मौतें.. यह सिर्फ इत्तेफाक नहीं, बल्कि बड़ा खतरा, इलाके में हड़कंप ! जानिए मामला

उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद के रमाला थाना क्षेत्र स्थित बूढ़पुर गांव में बीते 15 दिनों में 12 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। गांव की गलियों में मातम पसरा हुआ है और हर कोई हैरान है कि आखिर इस गांव में ऐसा क्या हो रहा है? इन मौतों के पीछे जहरीले और बदबूदार नाले के पानी को कारण माना जा रहा है। ग्रामीण प्रशासन से जांच की मांग कर रहे हैं।

हार्ट अटैक से एक के बाद एक 12 मौतें, गांव में दहशत का माहौल

गांव में मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है और इनमें से अधिकांश की उम्र 50-62 वर्ष के बीच है। कोई सुबह टहलते समय गिर पड़ा, कोई खेत में काम करते हुए मौत का शिकार हुआ, तो किसी की नींद में ही मौत हो गई। इनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

  • यशवीर उर्फ बिल्लू (52): खेत में सिंचाई करते समय बेहोश होकर गिरे, मौके पर ही मौत।
  • पप्पी शर्मा (53): सुबह टहलते समय सीने में दर्द हुआ, थोड़ी देर में मौत।
  • सतीश कुमार (54): नहर पटरी पर पत्नी संग टहलते हुए गिरे और तुरंत मौत हो गई।
  • प्रमोद (50): खेत में काम करते समय दर्द उठा, अस्पताल पहुंचने से पहले मौत।
  • खिलारी (55): नाले के पास टहलते हुए सड़क पर गिरे, डॉक्टर ने हार्ट अटैक बताया।
  • बिजेंद्र (52), विनोद (55), रफीक (55), शफीक (62), सिरिया (55), पूर्व प्रधान राजबीर सिंह (62): अलग-अलग परिस्थितियों में अचानक मौतें हुईं।

ग्रामीणों को दूषित जल पर शक, नाले से निकल रहा जहरीला रसायन
ग्रामीणों का आरोप है कि गांव से गुजरने वाला नाला शुगर मिल के रसायन युक्त पानी से भर गया है, जिससे भूजल भी गंभीर रूप से दूषित हो चुका है। इस नाले की बदबू और उसमें मिलने वाला गंदा पानी गांव में बीमारियों का कारण बन रहा है। अब गर्मी में स्थिति और भी भयावह हो गई है।

ग्रामीणों ने मांगी जांच और समाधान, प्रशासन से लगाए गुहार

गांव की 8,000 की आबादी इस संकट के बीच दहशत में है। ग्रामीणों ने बैठक कर स्वास्थ्य विभाग से मेडिकल कैंप लगाने और प्रशासन से पीने के पानी की समस्या का स्थायी समाधान करने की मांग की है। पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह ने कहा, “अगर इस दूषित पानी की समस्या का हल हो जाए, तो गांव में बीमारियों की संख्या काफी कम हो सकती है।”

चिकित्सकों की राय: गर्मी, खानपान और पुरानी बीमारियों से जुड़ा खतरा

जिला अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि अत्यधिक गर्मी हार्ट पेशेंट्स के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है। उन्होंने तला-भुना और चिकनाई वाली चीजों से परहेज की सलाह दी और कहा कि दूषित पानी भी हृदय रोगों का कारण बन सकता है।वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मयंक गोयल ने कहा कि हार्ट अटैक के पीछे पारिवारिक इतिहास भी जिम्मेदार हो सकता है। गर्मी में खून में तत्वों की मात्रा बढ़ने से ब्लॉकेज की संभावना बढ़ जाती है, जिससे हार्ट अटैक हो सकता है। ऐसे में पानी व तरल पदार्थ अधिक मात्रा में लेने और नियमित जांच की सलाह दी जाती है।

CMO का बयान: गांव में भेजी जाएगी मेडिकल टीम

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. तीरथलाल ने कहा कि “हमें अब तक बूढ़पुर में हार्टअटैक से इतनी मौतों की जानकारी नहीं मिली थी। जल्द ही स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजकर जांच कराई जाएगी। जांच के बाद ही सही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।”

 

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