6 घंटे से हाथी का आतंक: अयोध्या के गांव में मचाया उत्पात.. लोगों में मचा हड़कंप, वीडियो हुआ वायरल

अयोध्या जिले के मिल्कीपुर क्षेत्र के भीखी का पुरवा गांव में शनिवार सुबह 7 बजे एक हाथी ने आतंक मचा दिया। अचानक गांव में पहुंचे इस जंगली हाथी ने संतुलन खो दिया और बेकाबू होकर इधर-उधर दौड़ने लगा। उसकी गतिविधियों से गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग मौके पर

हाथी को देखकर ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। हालांकि खबर लिखे जाने तक हाथी को काबू में नहीं किया जा सका है। अधिकारी लगातार हाथी को शांत करने और जंगल की ओर मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों को सुरक्षित दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है।

मानव और हाथी का रिश्ता

भारत में हाथियों को पवित्र माना जाता है और इन्हें भगवान गणेश से जोड़ा जाता है। वे न सिर्फ जंगल के पारिस्थितिक संतुलन के लिए आवश्यक हैं, बल्कि पेड़-पौधों को फैलाने में भी मदद करते हैं। लेकिन बढ़ते शहरीकरण और जंगलों की कटाई ने इनके प्राकृतिक आवास को संकट में डाल दिया है।

हाथी कब और क्यों मचाता है उत्पात ?

हाथी आमतौर पर शांत स्वभाव के होते हैं, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में वे आक्रामक हो सकते हैं। आइए जानते हैं उन प्रमुख कारणों को:

1. मानव-वन संघर्ष का असर

तेजी से हो रही जंगलों की कटाई और खेतों का विस्तार हाथियों को मानव बस्तियों की ओर धकेल रहा है। भोजन और पानी की तलाश में वे गांवों का रुख करते हैं, जिससे फसलों और संपत्ति को नुकसान होता है और टकराव की स्थिति बनती है।

2. मस्त अवस्था में नर हाथी

नर हाथी साल में एक विशेष समय पर “मस्त” अवस्था में आते हैं, जब उनके हार्मोनल बदलाव उन्हें अत्यधिक आक्रामक बना देते हैं। यह प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है, लेकिन इस दौरान वे असामान्य व्यवहार कर सकते हैं।

3. झुंड से बिछड़ने पर तनाव

यदि कोई हाथी अपने झुंड से अलग हो जाता है, तो वह मानसिक तनाव में आ जाता है। ऐसे अकेले हाथी, जिन्हें “रोग टस्कर” या “सॉलिटेरी बुल” कहा जाता है, अधिक आक्रामक होते हैं और मानवीय क्षेत्रों में घुसपैठ कर सकते हैं।

4. घायल या बीमार होने की स्थिति

चोटिल या बीमार हाथी भी अचानक आक्रमण कर सकते हैं। दर्द में होने के कारण वे इंसानों द्वारा डराने या पत्थर मारने पर भड़क जाते हैं। कभी-कभी पटाखे या तेज आवाजें भी उन्हें उत्तेजित कर देती हैं।

5. खाद्य आकर्षण और फसल नुकसान

गांवों और खेतों में यदि गन्ना, केले, चावल जैसे खाद्य पदार्थ मौजूद हों, तो हाथी बार-बार वहां लौट आते हैं। ऐसी जगहें उनके लिए आकर्षण का केंद्र बन जाती हैं और वे घर, दुकान या फसलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

समाधान की जरूरत

अयोध्या की इस घटना ने एक बार फिर मानव-वन्यजीव संघर्ष पर गंभीर सोच की आवश्यकता जताई है। जब तक हाथियों के प्राकृतिक आवास सुरक्षित नहीं किए जाते, ऐसी घटनाएं लगातार सामने आती रहेंगी। ज़रूरत है, लोगों में जागरूकता बढ़ाने और वन विभाग को और सक्षम बनाने की।

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