ऑडी इंडिया ने बताया- आखिर क्यों भारत में दो प्रतिशत से भी कम हैं लग्जरी कारें, क्या है वजह

बिजनेस डेस्क: ऊंचे कराधान की वजह से देश में लग्जरी कार खंड बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और सरकार को क्षेत्र की मदद के लिए शुल्कों में कटौती पर विचार करना चाहिए। जर्मनी की लग्जरी कार कंपनी ऑडी ने यह बात कही है। देश में कुल यात्री वाहन बिक्री में लग्जरी कारों का हिस्सा दो प्रतिशत से भी कम है। पिछले एक दशक से यह क्षेत्र कमोबेश इसी स्तर पर है। ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लन ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘हम भारत में अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। यहां यह क्षेत्र आगे नहीं बढ़ रहा है।” उन्होंने कहा कि इन वर्षों में अन्य खंड तेजी से बढ़े हैं लकिन लग्जरी कारों की बिक्री 40,000 इकाई सालाना पर ही टिकी हुई है।

इस साल तो यह आंकड़ा और नीचे आ सकता है। उन्होंने कहा कि करों के बोझ से यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित है और आगे नहीं बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुल यात्री वाहन खंड में लग्जरी वाहनों का हिस्सा दो प्रतिशत से भी कम है। ‘‘हमारा सरकार से आग्रह है कि लग्जरी वाहनों पर शुल्कों पर कटौती की जाए। 28 प्रतिशत का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काफी ऊंचा है। इसके ऊपर हमें उपकर भी देना होता है। ” ढिल्लन ने कहा कि कई राज्यों में लग्जरी वाहनों के पंजीकरण की लागत काफी ऊंची है। लग्जरी वाहनों पर अभी 28 प्रतिशत का जीएसटी लगता है। इसके ऊपर सेडान वाहनों पर 22 प्रतिशत तथा एसयूवी पर 22 प्रतिशत का उपकर लगता है। इस तरह लग्जरी वाहनों पर कुल कर 50 प्रतिशत बैठता है।

Related Articles

Back to top button