PMGSY के अंतर्गत बिछेगा सड़कों का जाल, 6000 किमी के तक के प्रस्ताव को मिली मंजूरी

लखनऊ : केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-तृतीय (2019-2024) के तहत उत्तर प्रदेश में 6000 किमी के ग्रामीण सड़क संजाल संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
ग्राम्य विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मंगलचार को बताया कि प्रदेश सरकार ने यह प्रस्तावित परियोजना प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-तृतीय के तहत केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को प्रेषित की थी, जिसे उच्च शक्ति प्राप्त समिति की 19 अक्टूबर को आयोजित बैठक में मिली स्वीकृति के बाद केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अपनी मंजूरी दे दी है।

उन्होने बताया कि परियोजना के तहत कुल 6352.97 किमी लम्बी ग्रामीण सड़को के संजाल को अनुमोदित किया गया है, जिसके लिए पर 4225.27 करोड़ रूपये के बजट मंजूर किया गया है। इस बजट में 2534.81 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय खर्च करेगा जबकि 1690.46 करोड़ रूपये राज्य सरकार द्वारा वहन किये जाएंगे।
राज्य के लिए यह परियोजना एक बहुत बड़ी उपलब्धि और इसके निर्माण के फलस्वरूप ग्रामीण सड़क संजाल को सुदृढ़ करने का मार्ग प्रशस्त होगा तथा प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इन सड़कों के दोनों किनारों पर फल देने वाले तथा अन्य किस्म के वृक्षों को रोपण राज्य सरकार द्वारा मनरेगा तथा अन्य केन्द्रीय योजनाओं के तहत किया जाएगा।

श्री सिंह ने बताया कि इससे पहले पीएमजीएसवाई-1 (2000-2013) के तहत राज्य में 12946.24 करोड़ रूपये के व्यय से 49315.91 किमी लम्बी सड़कों का निर्माण कराया गया है, जबकि पीएमजीएसवाई-2 (2014-2019) के तहत 3952.85 करोड़ रूपये की लागत से 7508.67 किमी लम्बी सड़कों का निर्माण कराया गया है। मौजूदा अनुमोदित परियोजना सड़क की लम्बाई तथा बजट के आकार दोनों की ही दृष्टि से बहुत बड़ी है।
इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण नोडल विभाग होगा तथा स्वीकृत मार्गों के लिए ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण, टेक्नोलाॅजी प्रदाता तथा एनआरआईडीए के मध्य एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया जाएगा।

Related Articles

Back to top button