ओमिक्रॉन संकट के बीच अमेरिका, यूरोप सहेंगे ‘डेल्मीक्रॉन’ की दोहरी मार! जानें भारत के हाल

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के तेजी से फैलने वाले वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ (Omicron) के मामलों में इजाफा जारी है. अब अमेरिका और यूरोप में और हालात बिगड़ने के संकेत मिले हैं. बीते कुछ दिनों में ‘डेल्मीक्रॉन’ को लेकर खबरें आ रही हैं. जानकारों का मानना है कि पश्चिम डेल्टा (Delta Variant) और ओमिक्रॉन की दोहरी मार के बीच फंस सकता है. भारत में अभी तक ओमिक्रॉन से जुड़े 350 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. यहां भी अब तक जानकारों का कहना था कि डेल्टा वेरिएंट भारत में मरीजों की संख्या बढ़ा रहा है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में कोविड-19 टास्कफोर्स के सदस्य डॉक्टर शंशाक जोशी ने एक प्रतिष्ठित अखबार से बातचीत में कहा था, ‘डेल्मीक्रॉन, डेल्टा और ओमिक्रॉन की जुड़वा बढ़त के साथ यूरोप और अमेरिका में मामलों की मिनी सुनामी आई है.’ ओमिक्रॉन पहली बार दक्षिण अफ्रीका में नवंबर में सामने आया था. अब कोरोना के इस वेरिएंट की दस्तक 89 देशों में हो चुकी है.

क्या है डेल्मीक्रॉन?
डेल्मीक्रॉन, कोरोना वायरस का नया वेरिएंट नहीं है. इसमें डेल्टा और ओमिक्रॉन स्ट्रेन एक साथ मिलकर कोविड-19 के मामले बढ़ा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, आंकड़े बताते हैं कि ओमिक्रॉन अमेरिका में ज्यादा प्रभाव वाला वेरिएंट हैं. वहीं, सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का कहना है कि अमेरिका में बीते महीने डेल्टा वेरिएंट 99.5 फीसदी से ज्यादा मामलों का जिम्मेदार था. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका में ओमिक्रॉन के चलते एक मौत भी हो चुकी है.

डेल्मीक्रॉन पर एक्सपर्ट्स की राय
रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉक्टर्स का कहना है कि कमजोर इम्युनिटी वाले लोग, बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों का शिकार लोगों को डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट्स से संक्रमित होने का जोखिम ज्यादा है. जानकारों का कहना है कि कम टीकाकरण दर वाले इलाकों में भी जोखिम है. हालांकि, स्वास्थ्य जानकारों की राय इस बात को लेकर बटी हुई है कि दोनों वेरिएंट्स मिलकर एक सुपर स्ट्रेन तैयार कर सकते हैं. कुछ शोधकर्ताओं ने यह चेतावनी भी दी है कि ऐसा कॉम्बिनेशन होना बहुत दुर्लभ है, लेकिन ऐसा मुमकिन है.

डेल्मीक्रॉन का भारत पर असर
हिंदुस्तान टाइम्स के आंकड़ों के अनुसार, भारत में ओमिक्रॉन के 354 मरीज मिले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जोशी ने कहा, ‘फिलहाल, डेल्टा डेरिवेटिव्स, डेल्टा के वंश भारत में मुख्य रूप से फैल रहे हैं. दुनिया के अन्य हिस्सों में ओमिक्रॉन तेजी से डेल्टा की जगह ले रहा है, लेकिन अभी तक यह अनुमान लगाने का कोई भी तरीका नहीं है कि डेल्टा डेरिवेटिव्स और ओमिक्रॉन कैसे बर्ताव करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘मुंबई, दिल्ली में सीरे सर्वे दिखाते हैं कि सर्वे में शामिल 90 फीसदी से ज्यादा आबादी कोविड का शिकार हो चुकी है. साथ ही 88 फीसदी आबादी ने वैक्सीन का कम से कम पहला डोज हासिल कर लिया है.’

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