अमरनाथ यात्रा 2025: 48 हजार श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, पहलगाम रूट पर हादसे में 36 घायल; यात्रा से पहले जानें जरूरी नियम

पवित्र अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से आरंभ हुई है और शुरुआती तीन दिनों में ही 47,972 श्रद्धालु हिमलिंग के दर्शन कर चुके हैं। तीसरे दिन अकेले 21,109 श्रद्धालुओं ने गुफा में शिवलिंग के दर्शन किए, जिसमें 16,159 पुरुष, 3,921 महिलाएं, 226 बच्चे, 250 साधु, 29 साध्वियां, 3 ट्रांसजेंडर और 521 सुरक्षाकर्मी शामिल थे।
चौथा जत्था पहुंचा बेस कैंप
शनिवार को करीब 7000 श्रद्धालुओं का चौथा जत्था गांदरबल स्थित बालटाल और अनंतनाग के नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप पहुंच चुका है। 38 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा रक्षाबंधन (9 अगस्त) को समाप्त होगी। इस वर्ष अब तक 3.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है।
रामबन में चार बसों की टक्कर
यात्रा के दौरान सुरक्षा के तमाम इंतज़ामों के बावजूद शनिवार को रामबन जिले में चंदरकोट लंगर के पास बड़ा हादसा हुआ। अमरनाथ यात्रियों को लेकर जा रहे काफिले में ब्रेक फेल होने से एक बस ने संतुलन खो दिया, जिससे पीछे चल रही तीन बसों से टक्कर हो गई। इस हादसे में लगभग 36 श्रद्धालु घायल हुए हैं।
रजिस्ट्रेशन सेंटर पर भारी भीड़
श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए जम्मू में कई रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाए गए हैं जिनमें सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा प्रमुख हैं। इन केंद्रों पर रोजाना लगभग 2000 श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 581 सुरक्षा कंपनियां तैनात
यात्रा मार्ग की सुरक्षा के लिए कुल 581 सुरक्षा कंपनियों को तैनात किया गया है, जिनमें CRPF, BSF, SSB, ITBP, CISF के जवान शामिल हैं। गुफा की ओर जाने वाले मार्ग पर हर 50 मीटर की दूरी पर एक जवान तैनात है। मेडिकल सुविधा के लिए हर दो किलोमीटर पर मेडिकल कैंप लगाए गए हैं।
बालटाल और पहलगाम: दोनों रूटों की विशेषताएं और चुनौतियां
1. बालटाल रूट:
यह रूट केवल 14 किमी लंबा है और अपेक्षाकृत कम समय में यात्रा पूरी हो जाती है। लेकिन इसमें खड़ी चढ़ाई होती है, जिससे बुजुर्ग श्रद्धालुओं को कठिनाई होती है। संकरे रास्ते और तीखे मोड़ इसे थोड़ा खतरनाक बना देते हैं।
2. पहलगाम रूट:
यह रूट 48 किमी लंबा है लेकिन प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। यह तीन दिन में तय किया जाता है और अपेक्षाकृत आसान है। रास्ते में चंदनवाड़ी, पिस्सू टॉप, शेषनाग, पंचतरणी जैसे स्थल आते हैं। हालांकि, यहां रास्ते कहीं-कहीं बहुत संकरे हैं और रेलिंग की कमी भी दर्ज की गई है।
भंडारों से लेकर रहने तक की व्यवस्था बेहतरीन: श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया
मुंबई से आए श्रद्धालु प्रसाद ठाकुर ने बताया कि भंडारों में खाना अच्छा मिल रहा है और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी सरल है। शौचालय से लेकर ठहरने तक की व्यवस्था में कोई कमी नहीं है। उनका अनुमान है कि शनिवार को लगभग 70 से 80 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए होंगे।
यात्रा के दौरान किन बातों का रखें ध्यान ?
- दस्तावेज़: आधार कार्ड, मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, RFID कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म साथ रखें।
- स्वास्थ्य: प्रतिदिन 4-5 किमी पैदल चलने की प्रैक्टिस करें, प्राणायाम और श्वास संबंधी योग अभ्यास करें।
- सामान: ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी की बोतल और जरूरी दवाएं अपने बैग में रखें।