अखिलेश की प्रेस कॉन्फ्रेंस में युवक बोला – “2029 में आप बनेंगे PM”, उन्होंने दिया ऐसा जवाब.. हंसते-हंसते हुए लोटपोट

9 जुलाई, बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक प्रेस वार्ता की, जो उस समय सुर्खियों में आ गई जब एक शख्स ने प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी करते हुए कहा – “अल्लाह ने चाह लिया तो आप 2029 में पीएम होंगे…”। इस पर अखिलेश यादव ने मुस्कराते हुए प्रतिक्रिया दी – “ये रील की तरह डायलॉग मत मारो। अब नहीं बुलाया करेंगे। कुछ लोग फेमस होने भी आ रहे हैं।” यह जवाब सुनकर प्रेस वार्ता में मौजूद लोगों के बीच ठहाके गूंज उठे।

“कुछ लोग फेमस होने आ रहे हैं”: अखिलेश का व्यंग्य

अखिलेश यादव ने व्यंग्यात्मक अंदाज़ में कहा कि अब कुछ लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस में केवल फेमस होने के इरादे से आते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा व्यवहार आगे से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि बीते दिनों ऐसा ही एक मसला हुआ था जिसमें बाद में संबंधित व्यक्ति के घर पुलिस भी भेज दी गई थी। उन्होंने कहा – “अगर पुलिस घर आ जाए तो कितना कुछ बदल सकता है। अधिकारी भेज दो तो अच्छे-बुरे का फर्क सामने आ जाता है।”

पौधारोपण के नाम पर सरकार कर रही सिर्फ इवेंटबाज़ी

पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने मौजूदा सरकार की पौधारोपण नीति पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि “यह सिर्फ इवेंट है, सरकार के पास कोई ठोस रणनीति नहीं है।” एक पेड़ मां के नाम पर लगाने की योजना पर उन्होंने कहा कि यह सब दिखावटी कार्यक्रम हैं, जिनका ज़मीनी असर नहीं है।

सोशल मीडिया पोस्ट पर युवक को परेशान करने का आरोप

प्रेस वार्ता के दौरान अखिलेश यादव ने एक और घटना का ज़िक्र करते हुए बताया कि हाल ही में एक युवक उनसे मिला जो रोते हुए कह रहा था कि पुलिस उसे परेशान कर रही है। युवक ने बताया कि उसने कन्नौज सांसद के सम्मान में फेसबुक पर एक पोस्ट किया था, जिसके बाद पुलिस ने उसके पिता से ₹20,000 भी वसूले। हालांकि, बाद में जब मामला मीडिया में आया तो युवक के पिता ने बयान दिया कि पुलिस ने कोई पैसा नहीं लिया। अखिलेश ने इसे दबाव का उदाहरण बताया।

गोरखपुर की छात्रा पंखुड़ी के एडमिशन विवाद का जिक्र

अखिलेश यादव ने गोरखपुर में पंखुड़ी नाम की छात्रा के एडमिशन विवाद को लेकर भी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी भेजने और धमकाने का यह तरीका लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन है और इसका विरोध होना चाहिए।

‘यश भारती’ और ‘अर्जुन अवार्ड’ को दोबारा शुरू करने का वादा

अखिलेश यादव ने एलान किया कि अगर उनकी सरकार आती है तो ‘यश भारती सम्मान’ और ‘अर्जुन अवार्ड’ को फिर से शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार ने न सिर्फ यश भारती बंद किया बल्कि उससे जुड़ी सम्मान राशि भी छीन ली, जो कला, साहित्य, खेल और समाजसेवा से जुड़े लोगों के लिए प्रोत्साहन का साधन था।

प्रेस वार्ता से निकला राजनीतिक और सामाजिक संदेश

अखिलेश यादव की यह प्रेस वार्ता जहां एक तरफ एक मज़ाकिया डायलॉग से चर्चा में रही, वहीं दूसरी ओर उन्होंने कई गंभीर मुद्दों पर सरकार को घेरा। चाहे वह पुलिसिया उत्पीड़न का मामला हो, पौधारोपण जैसे अभियान की वास्तविकता, या सम्मान पुरस्कारों की वापसी की बात – अखिलेश का संदेश साफ था: समाजवादी पार्टी सत्ता में आने पर जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता देगी।

 

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