अहमदाबाद प्लेन क्रैश: गुस्से में पीड़ित परिवार! कहा – मुआवजे की प्रक्रिया में पूछे जा रहे अंट-शंट सवाल, सुनिए जवाब..

12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया फ्लाइट AI-171 हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस दर्दनाक हादसे में एक यात्री को छोड़कर बाकी सभी यात्रियों और क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी। अब, हादसे के कई हफ्तों बाद मुआवजे की प्रक्रिया को लेकर नया विवाद सामने आया है।
परिजनों का आरोप
मृतकों के परिवारों ने आरोप लगाया है कि एअर इंडिया द्वारा भेजे गए मुआवजे से जुड़े फॉर्म में कई ऐसे सवाल पूछे गए हैं जो न केवल जटिल हैं, बल्कि कानूनी रूप से पीड़ितों के खिलाफ इस्तेमाल किए जा सकते हैं। पीड़ित परिवारों की तरफ से प्रतिनिधित्व कर रहे स्टीवर्ट्स फर्म के भागीदार पीटर नीनन ने एयरलाइन की आलोचना करते हुए कहा, “एअर इंडिया को शर्म आनी चाहिए। बिना किसी स्पष्टता के फॉर्म में कानूनी शर्तें और तकनीकी शब्दों का प्रयोग किया गया है। मुआवजे के हकदारों को बिना कानूनी सलाह के यह फॉर्म भरने को दिया गया।” परिजनों का कहना है कि भीषण गर्मी में, बिना किसी वकील की मदद लिए, उन्हें ऐसे सवालों के जवाब देने पड़े जिनका सीधा असर अंतिम मुआवजा राशि पर पड़ सकता है, जैसे कि, “क्या मृतक पर आप आर्थिक रूप से निर्भर थे?”
एअर इंडिया की सफाई
विवाद के बाद एअर इंडिया ने इंडिया टुडे को दिए एक बयान में स्पष्ट किया कि लगाए गए आरोप निराधार हैं। एयरलाइन ने कहा, “मुआवजे की प्रक्रिया को पारदर्शी और उचित बनाए रखने के लिए प्रश्नावली भेजी गई थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अस्थाई भुगतान सही लाभार्थियों को मिले।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रश्नावली महज पारिवारिक संबंधों की पुष्टि के लिए है और इसका उद्देश्य किसी प्रकार की असहजता पैदा करना नहीं है।
घर पर नहीं होगा कोई अनचाहा दौरा
एअर इंडिया ने स्पष्ट किया है कि पीड़ित परिवारों को फॉर्म ई-मेल के माध्यम से या व्यक्तिगत रूप से जमा करने की सुविधा दी गई है। “हमने साफ कर दिया है कि बिना पूर्व सूचना के घर पर कोई नहीं जाएगा। पीड़ितों की मदद के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं जो अंतिम संस्कार, आवास, और अन्य व्यवस्थाओं में परिवारों की सहायता कर रही हैं।”
अब तक 47 परिवारों को अग्रिम भुगतान
एयरलाइन ने जानकारी दी कि अब तक 47 परिवारों को अग्रिम भुगतान किया जा चुका है और 55 अन्य मामलों में प्रक्रिया प्रगति पर है। यह दिखाता है कि कंपनी पीड़ित परिवारों को राहत देने के लिए सक्रिय प्रयास कर रही है।
टाटा समूह का मानवीय कदम
इस भयावह हादसे के बाद टाटा समूह ने बड़ी राहत की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि“हर मृतक के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।” साथ ही, उन्होंने 500 करोड़ रुपये का एक ट्रस्ट स्थापित करने की भी बात कही थी, जिसके जरिए शिक्षा, स्वास्थ्य और पुनर्वास जैसी सेवाएं दी जाएंगी। यह ट्रस्ट दीर्घकालिक सहयोग की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।