BJP महिला मोर्चा की 10 कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेता को पीटा.. घर में घुसकर मारी 22 चप्पलें, अश्लील वीडियो भेजता..

आगरा के खंदौली क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां भाजपा महिला मोर्चा की महानगर अध्यक्ष उपमा गुप्ता के नेतृत्व में करीब 10 महिलाएं एक स्थानीय भाजपा नेता आनंद शर्मा के घर पहुंचीं और उसके साथ मारपीट की। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें आनंद शर्मा को चप्पलों और थप्पड़ों से पीटा जा रहा है। आरोप है कि आनंद महिलाओं को अश्लील मैसेज और वीडियो भेजता था। हालांकि, परिजन इसे साजिश बता रहे हैं।

अश्लीलता के आरोप, महिला मोर्चा की सफाई

महिला मोर्चा की अध्यक्ष उपमा गुप्ता ने कहा कि यह कार्रवाई किसी साजिश का हिस्सा नहीं थी बल्कि उन्होंने पहले से साक्ष्य जुटाए थे। उपमा के मुताबिक, आनंद की पत्नी से वीडियो की पुष्टि कराई गई थी। उन्होंने बताया कि महिला कार्यकर्ताओं को लगातार अश्लील मैसेज और वीडियो भेजे जा रहे थे, जिसकी कई बार शिकायत की गई।

“हमने पहले उसकी पत्नी से पुष्टि की कि वीडियो में दिख रहा कमरा और बेड उसका है। फिर जब आनंद से बात करने पहुंचे, तो उसने महिलाओं को अपशब्द कहे। इससे माहौल बिगड़ गया।”

वायरल वीडियो: कमरे में शुरू हुई पिटाई, सड़क तक घसीटा

1 मिनट 15 सेकंड और 2 मिनट के दो वीडियो सामने आए हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि महिलाएं आनंद को घर के अंदर चप्पलों से पीट रही हैं, फिर कॉलर पकड़कर उसे सड़क तक घसीट लाती हैं। वीडियो में साफ दिख रहा है कि आनंद शर्मा को कम से कम 22 चप्पलें मारी गईं।

एक महिला बार-बार कह रही है, “वीडियो दिखाओ इसे… ताकि इसे अपनी हरकतों का एहसास हो।”

कई शिकायतें मिली थीं, पुलिस में नहीं की गई शिकायत

महिला मोर्चा की पदाधिकारी आशा अग्रवाल के अनुसार, आनंद शर्मा कई महीनों से महिला कार्यकर्ताओं को वॉट्सऐप पर अश्लील तस्वीरें और वीडियो भेज रहा था।

“उसने अपने चेहरे को ढंककर वीडियो बनाए और फिर उन्हें भेजा। जब कई बार समझाने के बाद भी वह नहीं माना, तो हमें यह कदम उठाना पड़ा।”

हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस घटना को लेकर फिलहाल पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।

परिजनों की सफाई: साजिश के तहत फंसाया गया

आनंद शर्मा के परिजनों ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि न तो कोई मैसेज दिखाए गए, न ही कोई वीडियो सबूत पेश किया गया। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है और कहा कि महिलाओं ने घर में घुसकर हमला किया।

“अगर आनंद दोषी था, तो मामला पुलिस को सौंपा जाना चाहिए था, पिटाई करना कानून हाथ में लेना है,” परिजनों का तर्क।

आनंद भाजपा कार्यकर्ता नहीं

भाजपा के महानगर अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि आनंद शर्मा पार्टी का सक्रिय सदस्य नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ महिलाओं ने उसके खिलाफ अश्लील व्यवहार की शिकायत की थी, लेकिन पार्टी से उसका कोई लेना-देना नहीं है।

कानून से ऊपर नहीं कोई, जांच होनी चाहिए

यह मामला एक तरफ अश्लीलता के आरोपों को लेकर महिला कार्यकर्ताओं की नाराज़गी को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर कानून व्यवस्था और न्यायिक प्रक्रिया को नजरअंदाज करने के पहलू को भी उजागर करता है। यदि आनंद दोषी है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए थी न कि सार्वजनिक पिटाई। वहीं, यदि यह साजिश है, तो सच्चाई सामने आना आवश्यक है।

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