आखिर क्यों बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगाई जा रही है एक्रिलिक की शीट

बाबा भोले की नगरी काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह को एक्रिलिक की पारदर्शी परत से ढका जा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्यों कि दर्शन करने आ रहे श्रद्धालु आस्थावश इस सोने की परत चढ़ी दीवार को भी स्पर्श करते थें। जिससे यह गंदी हो रही थी। हाथ में पूजा सामग्री होने के कारण इस पर खरोंच भी आ रही थी।

आपको बता दें कि दक्षिण भारत के एक श्रद्धालु के द्वारा दान किए गए सोने से गर्भगृह की दीवार पर नीचे से ऊपर तक सोना मढ़ा गया है। लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी आगमन पर इसकी पहली झलक देखने को मिली थी। श्रद्धालुओं ने महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर स्वर्णिम छटा के बीच भोले शंकर का दर्शन किया था।दीवारों पर लग रही खरोचों से इसकी चमक कम होने का खतरा बना हुआ था। जिसके तहत मंदिर प्रशासन ने स्वच्छता व सुरक्षा की दृष्टि से इस पर प्लास्टिक की पारदर्शी परत चढ़ाने का ये निर्णय ले लिया।

अभी फिलहाल गर्भगृह की बाहरी दीवार पर भी सोना मढऩे की तैयारी की जा रही है। जिसके लिए प्लास्टिक और फिर तांबे के सांचे पहले ही तैयार किए जा चुके हैैं। माना जा रहा है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अगले माह तक गर्भगृह की बाहरी दीवार पर भी सोने की परत चढ़ा दी जाएगी। तीन महीने पहले दक्षिण भारत के एक भक्त ने मंदिर में आकर इस बात की जानकारी ली थी कि गर्भगृह में कितना सोना लगेगा। उसने इसके लिए सोना दान करने की बात कही थी वो भी इस शर्त के साथ कि उसका नाम गुप्त रखा जाएगा।

मंदिर प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद ही सोना लगाने के लिए मापने और सांचा बनाने की तैयारी शुरू हुई। एक महीने की तैयारी के बाद शुक्रवार को सोना लगाने का काम शुरू हुआ, जो रविवार दिन में पूरा हुआ। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के साथ ही मंदिर के शेष हिस्से और गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने की कार्ययोजना बनने लगी थी।

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