एडवाइजरी ग्रुप की बैठक आज, कमजोर इम्यून सिस्टम वालों को एक और डोज

बच्चों को कोरोना वैक्सीन और कम प्रतिरक्षा वाले लोगों को टीके की अतिरिक्त डोज पर फैसला लेने के लिए आज नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) की अहम बैठक होने वाली है। इस मीटिंग के बाद ही एनटीएजीआई अतिरिक्त डोज और बच्चों के टीकाकरण को लेकर एक व्यापक नीति लेकर आ सकती है। बता दें कि यह बैठक ऐसे समय में होने जा रही है जब कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से तीसरी लहर की आशंका तेज हो गई है।

भारत में कोविड-19 टास्क फोर्स के चेयरमैन एनके अरोड़ा ने बताया, ‘इस व्यापक नीति के जरिए यह तय किया जाएगा कि किसे, कब और कैसे वैक्सीन की जरूरत होगी।’ हालांकि, वैक्सीन की बूस्टर डोज और अतिरिक्त डोज में अंतर है। दरअसल, बूस्टर  डोज एक पूर्वनिर्धानिर समय के बाद टीके की दो खुराके ले चुके लोगों को दी जाती हैं। वहीं, अतिरिक्त या एडिशनल डोज उन्हें दी जाती है, जिनके इम्यून फंक्शन में दिक्कत है और इस वजह से टीके की दो खुराकों के बावजूद उनके शरीर में पर्याप्त प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हो पाती।

एनके अरोड़ा के मुताबिक, 44 करोड़ बच्चों के टीकाकरण को लेकर व्यापक नीति का ऐलान जल्द ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं वाले बच्चों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी और फिर स्वस्थ बच्चों को टीका दिया जाएगा। पूरी प्रक्रिया से वाकिफ एक जानकार ने हमारे सहयोगी हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि सरकारी एक्सपर्ट्स फिलहाल बीमारियों की सूची पर काम कर रहे हैं, जिससे यह पता लगे कि कौन से बच्चे पहले वैक्सीन लगवाने के लिए योग्य हैं।

बता दें कि फिलहाल सिर्फ जायडस हेल्थकेयर की ZyCoV-D वैक्सीन को ही भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। वैक्सीन का 12 साल और उससे अधिक उम्र वाले बच्चों पर सफल परीक्षण किया गया था।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया अभी भी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की समीक्षा कर रहा है, जिसका परीक्षण 2 साल और उससे ज्यादा उम्र के बच्चों पर किया गया था। हालांकि, एक्सपर्ट कमेटी इस वैक्सीन का इस्तेमाल करने का सुझाव दे चुकी है।

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