अभिनेता मनोज बाजपेई ने पहली बार तोड़ी नेपोटिज्म पर चुप्पी, बोले- उसका पैसा है जो करना है करे..

मुंबई–बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी इन दिनों अपनी फिल्म ‘गुलमोहर को लेकर काफी सुर्खियों में हैं। हाल ही में मनोज बाजपेयी और शर्मिला टैगोर की फिल्म ‘गुलमोहर’ ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी+हॉटस्टार पर रिलीज हुई है। इस फिल्म को दर्शकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। अब इसी बीच मनोज बाजपेयी ने ‘गुलमोहर’ के प्रमोशन के दौरान नेपोटिज्म पर अपनी राय रखी है।

मनोज बाजपेयी ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म को ‘एक व्यर्थ की बहस’ बताया है। इस  दौरान मनोज बाजपेयी ने यह भी कहा कि असली समस्या फिल्म दिखाने वालों यानी एक्जिबिटर्स में है, जो अक्सर सेलेब्स में भेदभाव करते हैं। एक इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने कहा, “नेपोटिज्म की ये बातें बेकार की हैं। यह केवल उन कनेक्शन और रिश्तों के साथ काम करना है, जिसके साथ आप अधिक सहज महसूस करते हैं और यही कारण है कि आप उनके साथ सबसे ज्यादा काम करना चाहते हैं। अगर वो मेरी जगह किसी ताऊजी के लड़के को अपनी फिल्म में लेने जा रहे हैं तो ले लें, उनका पैसा है, जो करना चाहते हैं करें।”

एक्टर मनोज बाजपेयी का गुस्सा नेपोटिज्म पर नहीं बल्कि एक्जिबिटर्स पर फूटा है। एक्टर ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि जो एक्जिबिटर्स होते हैं, वह भेदभाव करते हैं। उन्होंने कहा, “जब आप उन्हें 100 स्क्रीन्स दे रहे हैं तो कम से कम मुझे 25 तो दो। उसी को सारी दे दोगे तो मेरा क्या होगा? जो जितना पावरफुल होता है, वह अपनी ताकत का व्हील उतना घुमाता रहता है। फेयरनेस की डिमांड इस इंडस्ट्री से करना बल्कुल भी ठीक नहीं है।

‘गुलमोहर’ की बात करें तो इस फिल्म में एक्टर मनोज बाजपेयी के साथ-साथ शर्मिला टैगोर, सूरज शर्मा, कावेरी सेठ, अमोल पालेकर, चंदर रॉय, जतिन गोस्वामी और उत्सवी झा भी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म का निर्देशित राहुल वी चित्तेला ने किया है। इस फिल्म में मनोज बाजपेयी की एक्टिंग की जमकर तारीफ हो रही है।

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