डीयू चुनावों में एबीवीपी की चारों सीटों पर जीत सुनिश्चित।

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के संदर्भ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एक प्रेस वार्ता को आयोजित कर सभी दिल्ली विश्वविद्यालय स्टूडेंट्स से अपने मताधिकार के अनिवार्य उपयोग के लिए अपील की है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छात्रों से आग्रह किया है कि छात्र जीवन में मताधिकार के प्रयोग का यह अवसर उन्हें अपने अधिकारों को समझने और एक अच्छे नागरिक के रूप में विकसित करने में सहायक है।

एबीवीपी से डीयू चुनाव में इस बार अध्यक्ष पद पर तुषार डेढ़ा, उपाध्यक्ष पद पर सुशांत धनकड़, सचिव पद पर अपराजिता तथा संयुक्त सचिव पद पर सचिन बैंसला चुनाव लड़ रहे हैं। डूसू चुनाव में एबीवीपी के प्रत्याशियों ने छात्रों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए बहुत ही प्रभावी कैंपेन किया, प्रभावी प्रचार तथा एबीवीपी के कामों के कारण एबीवीपी के पैनल ने बढ़त बना ली है।

डीयू में सह-सचिव रहीं व एबीवीपी दिल्ली की छात्रा प्रमुख शिवांगी खरवाल ने कहा कि,” देश में महिलाओं के नेतृत्व के लिए नई राहें खुल रही हैं, बीते वर्षों में एबीवीपी के पैनल से ही डीयू में छात्राओं को नेतृत्व मिला है। छात्राओं के मूलभूत मुद्दों जैसे गर्ल्स हॉस्टल, सेनेटरी नेपकिन वेंडिंग मशीन, महिला सुरक्षा तथा महिलाओं को बराबर नेतृत्व देने का कार्य एबीवीपी डीयू जीतकर करेगी।”
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दिल्ली के प्रांत मंत्री हर्ष अत्री ने कहा कि,”एबीवीपी हमेशा डीयू के छात्रों की आवाज बनी है।

वर्तमान में 90% से अधिक छात्र डीयू में नए हैं, एबीवीपी उनसे अपील करती है कि वह अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें। एबीवीपी का अब तक का प्रचार बहुत पॉजिटिव रहा है, छात्रों से व्यापक चर्चा के बाद तैयार हुए एबीवीपी मैनिफेस्टो में डीयू के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास, परीक्षाओं से संबंधित समस्याओं को दूर करने तथा मेंटल हेल्थ जैसे विषय प्रमुखता से शामिल हैं। एबीवीपी छात्रों से मुद्दों के आधार पर डीयू प्रतिनिधि को चुनने की अपील करती है।”

एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह ने कहा कि,” दिल्ली विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स यूनियन चुनाव में जिस प्रकार से एनएसयूआई ने रामजस कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, दयाल सिंह कॉलेज सहित अनेक जगहों पर जिस प्रकार से बड़े पैमाने पर हिंसा की है, वह डरावना है।

एबीवीपी, एनएसयूआई की गुंडागर्दी का विरोध डीयू छात्रों के साथ मिलकर करेगी।”

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