गोरखपुर : लूट की घटना से खुली पोल, फर्जी स्टाम्प पर विदेश भेजने वाले चार आरोपी और तीन लुटेरे गिरफ्तार
गोरखपुरः स्टाम्प की कूटरचना कर लोगों को विदेश भेजने वाले इंस्टीट्यूट संचालक समेत चार आरोपियों और इसी इंस्टीट्यूट में लूट की घटना को अंजाम देने वाले तीन लुटेरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. विदेश भेजने वाले इस इंस्टीट्यूट के संचालक ने कुछ दिन पूर्व पुलिस को 22 लाख रुपए की लूट की सूचना दी थी। जब पुलिस लूट की घटना की सूचना पर गल्फ टेक्निकल इंस्टीट्यूट पर जांच-पड़ताल के लिए पहुंची, तो वहां पर 20 लाख 700 रुपए नकदी समेत एक ही नंबर के 142 फर्जी स्टाम्प भी बरामद हो गए। पुलिस ने लूट के 12 लाख रुपए और अन्य सामान भी बरामद किया है. पुलिस सभी के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई भी कर रही है.
गोरखपुर के पुलिस लाइन्स स्थित व्हाइट हाउस सभागार में एसएसपी जोगिन्दर कुमार ने घटना का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 27 अक्टूबर की शाम कैंट इलाके के सिंघडि़या में गल्फ टेक्निकल इंस्टीट्यूट में लूट की सूचना मिली थी। इंस्टीट्यूट के संचालक संतोष कुमार सिंह ने लूट की सूचना कंट्रोल रूम को दी थी। इस मामले में उन्होंने खुद पहुंचकर जांच पड़ताल की थी। वहां पर संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में चार कर्मचारी काम कर रहे थे। वहां पर स्टाम्प शुल्क अदा किए बगैर कूट रचित स्टाम्प बरामद हुए. वहां पर प्रिंटर, स्कैनर और कम्प्यूटर भी बरामद हुआ है. जानकारी के मुताबिक ये संस्था खाड़ी देशों में टेक्नीशियन और मजदूरों को भेजने का काम करती रही है.
एसएसपी ने बताया कि वहां पर वीजा बनवाना, टिकट बननवाना और विदेश भेजने का काम ये संस्था करती रही है. इसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की. लूट की सूचना के बारे में भी जांच शुरू की और कैण्ट थाने पर पुलिस ने लूट की घटना में आईपीसी की धारा 395, 412, 34 के तहत मुकदमा दर्ज कराया. लूट की पड़ताल में जानकारी हुई कि जो चार कर्मचारी वहां पर काम कर रहे थे. उन्हीं में से एक कर्मचारी पवन सिंह ने अपने कुछ साथियों को बिहार से बुलाकर लूट की घटना कारित कराई.
पुलिस ने लूट की घटना को अंजाम देने वाले इंस्टीट्यूट के कर्मचारी बिहार राज्य के सिवान के जीरादेई थानाक्षेत्र के करहनु निवासी पवन सिंह, उसके साथी सिवान के जीरादेई के महुआबारी के रहने वाले अजय सिंह, बिहार के सिवान के मुफलिसपुर थानाक्षेत्र के भादाखुर्द के सोनू कुमार शाह, सिवान के मुफलिसपुर के जियांव के रहने वाले डब्लू यादव को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने अजय के पास से लूट के 1,50,000 रुपए नकद, एक अदद 12 बोर तमंचा, दो जिंदा कारतूस, साजिशकर्ता पवन सिंह के पास से 9,13,650 रुपए नकद, एक अदद सोने की चेन, एक मोबाइल, सोनू के पास से लूट के 1,40,000 रुपए नकद, एक तमंचा 315 बोर, एक 315 बोर जिंदा कारतूस, एक मोटरसाइकिल और डब्लू यादव के पास से 10,000 रुपए नकद बरामद हुए हैं. पुलिस ने इनके पास से लूट के कुल 12 लाख रुपए बरामद किए हैं. उन्होंने बताया कि पवन सिंह ने अपने हिस्से के 9,13,650 रुपए नकद वहीं पर बंदरबाट कर लिए थे. क्योंकि लूट की साजिश रचने वाला और कर्ताधर्ता पवन सिंह ही था. उसने तीनों साथियों को बुलाकर लूट कराई. एक लुटेरे की पुलिस की तलाश है.
लूट की घटना के अनावरण के क्रम में कूट रचित स्टाम्प के आधार पर लोगों को विदेश भेजने के मामले की पड़ताल की गई तो इंस्टीट्यूट से पुलिस को फर्जी स्टाम्प पर विदेश भेजने के नाम पर वसूले गए 20 लाख 700 रुपए बरामद हुए. इसके साथ ही पुलिस ने वहां से एक ही नंबर के 142 स्टाम्प कूटरचित भी बरामद किए. जिस पर अलग-अलग लोगों के नाम लिखे थे. इसमें कोषागार से सिर्फ दो स्टाम्प ही जारी किए गए थे. इसके आधार पर धारा 255, 256, 259 और 260 के तहत मामला दर्ज कर आईपीसी का अपराध उन लोगों पर भी बना, जो लोग वहां पर काम कर रहे थे.
उन चारों की पहचान देवरिया के खामपार के भवानी छापर के रहने वाले संचालक संतोष कुमार सिंह, बिहार के सिवान के नौतन थानाक्षेत्र के कीलपुर के रहने वाले अभिषेक सिंह, गोरखपुर के गगहा के फटवा कुनौलपुर के रहने वाले पवन सिंह को गिरफ्तार किया गया है. लूट की घटना की साजिश करने वाले पवन सिंह को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है. बिहार के रहने वाले तीनों लुटेरों को डकैती की धाराओं में जेल भेजा जा जा रहा है. उन्होंने बताया कि गैंगेस्टर की कार्रवाई भी इनके ऊपर की जा रही है.