Viral Video: कॉलेज में सेक्सुअल हैरेसमेंट से परेशान छात्रा ने लगाई आग, राहुल गाँधी वीडियो देख हुए भावुक..

ओडिशा के बालासोर ज़िले स्थित फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज में यौन उत्पीड़न से परेशान होकर खुद को आग लगाने वाली 20 वर्षीय छात्रा ने सोमवार देर रात AIIMS भुवनेश्वर में दम तोड़ दिया। छात्रा 12 जुलाई से 95% झुलसी हालत में ज़िंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही थी। इस दर्दनाक घटना ने पूरे राज्य और देश को झकझोर कर रख दिया है।

इंटीग्रेटेड B.Ed की छात्रा थी पीड़िता, यौन उत्पीड़न के आरोप में HOD गिरफ्तार

छात्रा कॉलेज के इंटीग्रेटेड B.Ed कोर्स की सेकंड ईयर की स्टूडेंट थी। उसने कॉलेज के इंग्लिश डिपार्टमेंट के HOD समीर कुमार साहू पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। 12 जुलाई को कॉलेज परिसर में ही उसने खुद पर केरोसीन छिड़ककर आग लगा ली थी। पुलिस ने उसी दिन समीर साहू को गिरफ्तार कर लिया था।

प्रिंसिपल पर भी लापरवाही का आरोप, शिकायत वापस लेने का दिया था दबाव

पीड़िता ने आत्मदाह से पहले कॉलेज प्रिंसिपल दिलीप घोष को शिकायत दी थी। लेकिन आरोप है कि प्रिंसिपल ने उसे शिकायत वापस लेने को कहा और तत्काल कार्रवाई से बचते रहे। प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया था और बढ़ते विरोध-प्रदर्शनों के बीच 14 जुलाई को उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने अस्पताल में जाकर की थी मुलाकात, इलाज का दिया आश्वासन

घटना के तीन दिन बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने AIIMS भुवनेश्वर के बर्न यूनिट में जाकर छात्रा से मुलाकात की थी। वे दीक्षांत समारोह के सिलसिले में अस्पताल में मौजूद थीं और उन्होंने पीड़िता के परिवार को बेहतर इलाज का आश्वासन दिया था।

पहले भी मिल चुकी थीं शिकायतें, फिर भी कार्रवाई में देरी

प्रिंसिपल दिलीप घोष ने खुद स्वीकार किया कि उन्हें 30 जून को ही छात्राओं की ओर से शिकायत मिली थी कि HOD समीर साहू मानसिक और यौन उत्पीड़न कर रहे हैं। एक छात्रा ने बताया था कि साहू ने गार्डन के पास शारीरिक संबंध बनाने की मांग की थी। उस दिन कॉलेज में छात्रों ने प्रदर्शन भी किया था, जिसके बाद इंटरनल कंप्लेंट कमेटी बनाई गई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

राहुल गांधी ने उठाए सवाल, धर्मेंद्र प्रधान ने कहा- ओछी राजनीति

छात्रा की मौत के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया X पर लिखा, “मोदी जी, ओडिशा हो या मणिपुर – देश की बेटियां जल रही हैं। और आप खामोश हैं। देश को आपकी चुप्पी नहीं, जवाब चाहिए।”
इस पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार करते हुए कहा कि “यह समय दुख बांटने का है, लेकिन कांग्रेस ओछी राजनीति कर रही है।”

नवीन पटनायक बोले- शिकायत के बाद भी न्याय नहीं मिला

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि छात्रा को समय पर न्याय नहीं मिला, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्यभर में इस मामले को लेकर गुस्सा है और कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।

राज्यभर में उबाल, कॉलेज प्रशासन की जवाबदेही पर उठे सवाल

ओडिशा के विभिन्न जिलों में छात्र संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों की मांग है कि केवल गिरफ्तारी से बात नहीं बनेगी, कॉलेज प्रशासन और शिक्षा विभाग को भी कठोर जवाबदेही तय करनी होगी।

इस घटना ने एक बार फिर देश में महिलाओं की सुरक्षा, कॉलेज परिसरों में यौन उत्पीड़न की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही जैसे मुद्दों को उजागर किया है। अब देखना होगा कि इस बार केवल FIR तक सीमित रह जाती है कार्रवाई या वास्तव में सिस्टम में कोई ठोस बदलाव होता है।

 

 

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