बड़ी खबर: 3 महिला सिपाहियों का फर्जीवाड़ा एक्सपोज़ ! जाली डाक्यूमेंट्स से ‘इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस’ में पा ली नौकरी..

सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता की बात करने वाली व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से सामने आया ITBP भर्ती घोटाले का मामला गंभीर चिंता का विषय बन गया है। यहां तीन महिला कांस्टेबल्स पर आरोप है कि उन्होंने इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में भर्ती के लिए फर्जी निवास प्रमाण पत्र (डोमिसाइल सर्टिफिकेट) का सहारा लिया। मामला प्रकाश में आते ही गृह मंत्रालय के निर्देश पर बरेली कैंट थाने में FIR दर्ज कर ली गई है।
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
बरेली में तैनात ITBP की आंतरिक जांच के दौरान इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। पार्वती कुमारी, रोशनी प्रजापति और प्रीती यादव नामक महिला कांस्टेबल्स ने भर्ती प्रक्रिया के दौरान जो डोमिसाइल सर्टिफिकेट जमा किए थे, उन्हें सत्यापन के लिए संबंधित राज्यों को भेजा गया।
- पार्वती का निवास प्रमाणपत्र असम के नगांव जिले का बताया गया था, जिसे असम प्रशासन ने फर्जी करार दिया।
- रोशनी और प्रीती के दस्तावेज काछाड़ जिले के बताए गए थे, जिन पर भी प्रशासन ने सवाल खड़े कर दिए।
दस्तावेजों की जांच में सामने आया फर्जीवाड़ा
ITBP की ओर से गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी गई, जिसमें साफ तौर पर कहा गया कि तीनों महिला उम्मीदवारों ने जानबूझकर भर्ती प्रक्रिया को गलत दस्तावेजों से प्रभावित किया है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने तत्काल बरेली कैंट थाने में केस दर्ज किया।
यह केस अब धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग और सरकारी पद प्राप्ति में जालसाजी जैसी धाराओं के तहत दर्ज हुआ है।
पुलिस और ITBP की कड़ी कार्रवाई
बरेली कैंट थाना प्रभारी के अनुसार, “यह मामला सरकारी सेवा में नियुक्ति के लिए गंभीर धोखाधड़ी का है। मामले की गहन जांच की जा रही है और अन्य लोगों की संलिप्तता भी खंगाली जा रही है।”
CO आशुतोष शिवम ने भी पुष्टि की है कि ITBP और पुलिस इस तरह की घटनाओं पर ‘ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ अपनाती है और कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा।
भर्ती प्रक्रिया पर उठते सवाल
इस घटना ने सरकारी भर्ती व्यवस्था की निगरानी प्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि दस्तावेज़ों का सत्यापन समय रहते नहीं होता, तो यह फर्जीवाड़ा वर्षों तक दबा रहता।
सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए डिजिटल वेरिफिकेशन सिस्टम, आधार लिंकिंग और आवेदन प्रक्रिया में कठोर स्कैनिंग की ज़रूरत अब और अधिक प्रासंगिक हो गई है।
फर्जीवाड़ा बेनकाब, लेकिन सवाल बाकी
बरेली में सामने आया ITBP भर्ती घोटाला सिर्फ तीन महिलाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संकेत है कि देशभर में इस तरह के फर्जीवाड़े की संभावना बनी हुई है।
इस मामले ने साफ कर दिया है कि सरकारी संस्थानों को सत्यापन प्रक्रिया को और मजबूत बनाना होगा ताकि योग्य उम्मीदवारों का हक छीना न जाए और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके।