कॉल पर कहा- ‘अकेले आना पापा, कुछ बताना है’, पहुंचे तो मिली लाश.. यूपी के गुरुकुल में 13 वर्षीय मासूम की मौत!

घटना से कुछ दिन पहले मृतक छात्र अनुराग ने अपने पिता बृजेश यादव से फोन पर बात करते हुए कहा था, “पापा अकेले आना, कुछ जरूरी बात बतानी है।” इसके साथ ही उसने रक्षाबंधन पर घर आने की इच्छा जताई और कहा कि उसे बहन से राखी बंधवानी है। यह बातचीत अब परिजनों को गहरे संदेह में डाल रही है कि उसके साथ कुछ गलत हो रहा था जिसे वह बताना चाहता था।

मंगलवार सुबह हुआ खुलासा, नाक-कान से खून और सिर पर चोट

मंगलवार सुबह गुरुकुल के अन्य छात्रों के जागने पर अनुराग की संदिग्ध अवस्था में मौत का पता चला। उसकी नाक और कान से खून बह रहा था, और सिर पर चोट के निशान भी थे। पुलिस ने डॉक्टरों के पैनल से शव का पोस्टमॉर्टम कराया है। अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है, लेकिन प्रारंभिक हालात बेहद रहस्यमयी हैं।

परिजनों का आरोप – सच्चाई छिपाई जा रही है, बेटे को मारा गया

अनुराग की मां सरिता और पिता बृजेश यादव ने आरोप लगाया है कि गुरुकुल प्रशासन उन्हें गुमराह कर रहा है। उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह 6 बजे कॉलेज आचार्य प्रणव का फोन आया कि “बच्चे की तबीयत खराब है”, लेकिन जब वे पहुंचे तो बेटे को मृत घोषित किया जा चुका था। परिजनों का आरोप है कि फर्श पर फैला खून धो दिया गया और उन्हें वास्तविक जानकारी नहीं दी गई।

गुरुकुल प्रशासन का पक्ष – छात्र सुबह योग से पहले अचेत मिला

गुरुकुल की प्राचार्य डॉ. धारणा ने बताया कि सुबह चार बजे छात्र प्रमुख उत्तम कुमार बच्चों को योग के लिए जगा रहे थे, तब अनुराग अचेत अवस्था में मिला। वहीं, शिक्षकों का कहना है कि अनुराग सोमवार शाम के हवन में शामिल नहीं था और रात में अन्य छात्रों के साथ सोया था, जिनमें से किसी ने कुछ संदिग्ध नहीं बताया।

मौके से डीवीआर, चटाई और अन्य सबूत जब्त, पुलिस जांच जारी

पुलिस ने घटनास्थल से सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर जब्त की है, साथ ही उस चटाई को भी कब्जे में लिया गया है जिस पर अनुराग सो रहा था। मौके पर पहुंची फील्ड यूनिट और सीओ तिलहर ज्योति यादव ने जांच शुरू कर दी है। एसपी राजेश द्विवेदी ने कहा कि मामला पूरी तरह संदिग्ध है और जांच के लिए विशेष टीम गठित कर दी गई है।

12 अप्रैल को हुआ था एडमिशन, बहन से राखी बंधवाने की थी ख्वाहिश

अनुराग का एडमिशन इसी साल 12 अप्रैल को हुआ था। परिजनों ने बताया कि गांव के अन्य बच्चे पहले से वहां पढ़ रहे थे, इसलिए उन्हें संस्थान पर भरोसा था। मगर अनुराग की रहस्यमयी मौत ने भरोसे को तोड़ दिया है। अनुराग ने पिता से कहा था कि उसे रक्षाबंधन पर घर ले जाएं, मगर अब वह त्योहार एक शोक में बदल गया है।

सवालों के घेरे में गुरुकुल प्रशासन, न्याय की मांग तेज

परिवार और स्थानीय लोगों की मांग है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को जल्द सजा मिले। जिस तरह से मौत के बाद जानकारी दी गई और घटनास्थल से सबूत मिटाने की कोशिश हुई, वह पूरे मामले को और गंभीर बना रहा है। समाज और मीडिया की नज़र अब इस केस के हर पहलू पर टिकी हुई है।

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