एकनाथ शिंदे के MLA का बेशर्मी वाला बयान, पहले कैंटीन वाले को पीटा.. फिर कहा – “मैं जूडो चैंपियन.. सटक गई थी !”

मुंबई के चर्चगेट स्थित आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल की कैंटीन में बुधवार रात एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ ने खराब दाल मिलने पर कैंटीन कर्मचारी की सार्वजनिक रूप से पिटाई कर दी। यह घटना कैमरे में कैद हो गई और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिससे विधायक की कार्यशैली और भाषा पर सवाल उठने लगे हैं।

दाल में दुर्गंध आई तो विधायक ने गुस्से में खोया आपा

बुलढाणा से विधायक संजय गायकवाड़ ने बुधवार रात करीब साढ़े 9 बजे कैंटीन में दाल-चावल और रोटियों की थाली मंगवाई थी। जैसे ही उन्होंने पहला निवाला खाया, उन्होंने तुरंत थाली में से दुर्गंध महसूस की और दावा किया कि उल्टी हो गई। इसके बाद वे बिना कपड़े बदले, केवल तौलिया लपेटकर कैंटीन पहुंचे और दाल सूंघकर सबूत इकट्ठा करने लगे।

‘शिवसेना स्टाइल’ में किया हमला – थप्पड़, मुक्के और धमकियां

विधायक ने कैंटीन मैनेजर को बुलाया और जैसे ही उसने दाल सूंघी और खराब होने की बात मानी, संजय गायकवाड़ ने उस पर थप्पड़ों और मुक्कों की बारिश कर दी। वीडियो में साफ दिख रहा है कि वह कर्मचारी ज़मीन पर गिर पड़ा। विधायक ने अपने बचाव में कहा – “जब कोई लोकतांत्रिक भाषा नहीं समझता, तो शिवसेना स्टाइल में ही जवाब देना पड़ता है। मुझे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है।”

मैं जूडो चैंपियन हूँ, मेरी ‘सटक’ गई थी” – विधायक का बयान

“मैं जूडो, कराटे, जिम्नास्टिक और तलवारबाजी में माहिर हूँ। मेरी ‘सटक’ गई थी। मैं विधायक भी हूँ और योद्धा भी” जहां वे जनता के मुद्दों पर मुखर रहे हैं, वहीं इस बयान ने विवाद को और हवा दे दी है। गायकवाड़ का कहना है कि यह उनकी शारीरिक क्षमता की वजह से ही संभव हो पाया, और इसमें उन्हें किसी प्रकार का पछतावा नहीं है। वे स्पष्ट रूप से कहते हैं कि यह कार्रवाई उन्होंने “शिवसेना स्टाइल” में की – जैसे कि बालासाहेब ठाकरे ने सिखाया।

कई बार की शिकायत, फिर भी कैंटीन नहीं सुधरी – गायकवाड़ का दावा

गायकवाड़ ने कहा कि कैंटीन में 15 दिन पुराना चिकन, 20 दिन पुराना मटन, 10 दिन के अंडे और चार दिन पुरानी सब्जी परोसी जाती है। उन्होंने दावा किया कि वह पिछले चार सालों से इस मुद्दे की शिकायत कर रहे हैं – समिति के चेयरमैन और एमडी से भी। लेकिन जब बार-बार कहने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ, तो उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।

जनप्रतिनिधि होने का हवाला, कोई पछतावा नहीं

विधायक ने कहा – “मैं जनप्रतिनिधि हूं। जब लोग बात नहीं सुनते, तो उसी भाषा में जवाब देना पड़ता है। दोबारा अगर ऐसा हुआ तो फिर पीटूंगा। मैंने यह नहीं देखा कि वह हिंदी है या मराठी, मैंने खराब क्वालिटी के खिलाफ कार्रवाई की है।” उन्होंने यह भी कहा कि फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) में शिकायत दर्ज कराने की योजना भी है।

विवादों से पुराना नाता: पहले भी कई बार विवादों में रहे गायकवाड़

यह पहली बार नहीं है जब संजय गायकवाड़ विवादों में आए हैं, 2024 में राहुल गांधी की आरक्षण पर टिप्पणी के बाद गायकवाड़ ने राहुल की जुबान काटने वाले को ₹11 लाख का इनाम देने की घोषणा कर दी थी।

बाघ के शिकार का दावा:

फरवरी 2024 में उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने 1987 में बाघ का शिकार किया था और उसका दांत पहनते हैं। इस पर उनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ।

पुलिसकर्मी से कार धुलवाना:

एक वीडियो में एक पुलिसकर्मी विधायक की कार धोता दिखा था। इस पर भी विवाद हुआ, लेकिन गायकवाड़ ने सफाई दी थी कि पुलिसकर्मी ने खुद से गाड़ी साफ की थी क्योंकि उसने उसमें उल्टी कर दी थी।

 

सोशल मीडिया पर आलोचना, पार्टी की प्रतिक्रिया का इंतजार

घटना के वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर गायकवाड़ की काफी आलोचना हो रही है। लोग एक जनप्रतिनिधि द्वारा मारपीट करने की मानसिकता पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, अब तक शिवसेना (शिंदे गुट) की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

 

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