यूपी सरकार-अधिकारीयों की पोल खोलती यह घटना, महिला ने ले ली जलसमाधि.. 6 दिन से पूरा गाँव है कैद..

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के एक गांव में जलभराव की समस्या ने विकराल रूप ले लिया है। मनखेड़ा ग्राम पंचायत में लगातार छह दिन से भरे पानी से नाराज होकर एक महिला ने मंगलवार को गले तक पानी में खड़े होकर जलसमाधि लेने का ऐलान कर दिया। इस गंभीर स्थिति के बावजूद कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। गांववाले बीते कई दिनों से BDO से लेकर डीएम तक शिकायतें कर चुके हैं लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।
‘यह पुलिस का नहीं, अफसरों का मामला है’
मंगलवार दोपहर से सावित्री देवी नाम की महिला लगातार गले तक पानी में खड़ी है। पुलिस ने उसे बाहर निकालने की कई कोशिशें कीं, लेकिन वह अड़ी रही कि जब तक प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं आएंगे, वह बाहर नहीं निकलेगी। उसका कहना है कि पुलिस की नहीं, जिम्मेदार अफसरों की जरूरत है, जो इस जलभराव की समस्या का समाधान करें।
छह दिन से गांव डूबा, रास्ते बंद, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे
गांव की आबादी लगभग 2,000 लोगों की है, जो चारों ओर से तीन से चार फीट तक पानी में घिरी हुई है। ग्रामीणों के अनुसार, 4 जुलाई को हुई बारिश के बाद से पानी का निकासी न होने के कारण पूरा इलाका डूबा हुआ है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, ग्रामीण कामधंधे पर नहीं जा पा रहे, और गांव से बाहर निकलने के सारे रास्ते जलमग्न हो चुके हैं।
प्रशासन से कई बार की शिकायत, नहीं हुई सुनवाई
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने B.D.O., तहसीलदार से लेकर जिलाधिकारी तक से संपर्क किया, फोटो और वीडियो भी भेजे, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। कई बार आश्वासन मिले, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। यही कारण रहा कि मंगलवार दोपहर सैकड़ों ग्रामीण चौपाल पर धरने पर बैठ गए और विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
सावित्री देवी की चेतावनी बनी जलसमाधि का रूप
धरने के दौरान सावित्री देवी ने दोपहर 12 बजे चेतावनी दी थी कि यदि दो घंटे में समाधान नहीं हुआ, तो वह पानी में जलसमाधि ले लेंगी। लेकिन जब तीन बजे तक कोई अधिकारी नहीं आया, तो वह गांव के तालाब जैसे पानी में उतर गई और गले तक डूबकर खड़ी हो गई। यह घटना न सिर्फ प्रशासन की लापरवाही उजागर करती है, बल्कि एक महिला की आखिरी उम्मीद के टूटने का प्रतीक बन गई।
स्कूल के पास गड्ढे में भरा पानी, बच्चों की जान खतरे में
ग्रामीणों ने बताया कि प्राइमरी स्कूल के पास एक बड़ा गड्ढा है, जिसमें पूरा पानी भर गया है। यदि बच्चे स्कूल जाते हैं तो वे किसी भी वक्त उस गड्ढे में गिर सकते हैं, जिससे जान का खतरा बना हुआ है। यही कारण है कि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे।
‘बार-बार होती है यही समस्या, पर कोई नहीं सुनता’
ग्रामीणों का आरोप है कि मनखेड़ा गांव में हर साल बरसात के बाद ऐसी ही स्थिति बनती है। बार-बार शिकायत के बावजूद भी अधिकारी नजरअंदाज करते हैं। इस बार जब महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे और पुरुष सभी परेशान हो गए, तो उन्होंने धरने का रास्ता चुना। ग्रामीणों ने नारेबाजी की और अफसरों को जिम्मेदार ठहराया।
एक महिला की जलसमाधि प्रशासन के लिए चेतावनी है
सावित्री देवी का पानी में खड़े होकर न्याय की मांग करना, आगरा प्रशासन के लिए एक गंभीर चेतावनी है। यह केवल जलभराव नहीं, जन प्रतिनिधियों और अफसरों की संवेदनहीनता की कहानी है। यदि अब भी इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है।