पूरे गाँव ने मिलकर 5 को जिंदा जलाया ? काले जादू-झाड़फूंक का चक्कर, पीटने के बाद डीजल डालकर जिंदा जलाया

बिहार के पूर्णिया जिले के टेटगामा गांव में अंधविश्वास और डायन प्रथा की भयावह परिणति देखने को मिली। गांव के ही एक परिवार के 5 लोगों को जिंदा जलाकर मार दिया गया, जिन पर तांत्रिक सिद्धि के लिए बलि देने का शक था। इस नृशंस हत्याकांड को अंजाम देने से पहले गांव में पंचायत बैठी, जिसमें हत्या की योजना बनाई गई थी।

टेटगामा गांव में फैला था भय और अंधविश्वास का माहौल

200 लोगों की आबादी वाला यह गांव आदिवासी बहुल इलाका है, जहां झाड़-फूंक और डायन जैसे अंधविश्वास अब भी गहराई से फैले हुए हैं। गांव के लोगों का मानना था कि बाबूलाल उरांव की मां कागतो देवी डायन है, जिसने अपने पति की बलि दी और झाड़फूंक की ताकतें हासिल कीं।

कागतो देवी और पूरा परिवार झाड़-फूंक करता था

स्थानीय लोगों के मुताबिक, कागतो देवी खुद झाड़-फूंक करती थीं और उन्होंने यह काम अपने बेटे बाबूलाल, बहू सीता देवी, पोते मंजित और उसकी पत्नी रनिया देवी को भी सिखाया। दूर-दूर से लोग उनके पास इलाज कराने आते थे, जिससे गांव वालों को संदेह था कि ये लोग किसी तरह की सिद्धि के लिए बलि चढ़ाते हैं।

पिछले दो साल में छह मौतों ने बढ़ाया शक

दरगाह गांव के किशुन देव उरांव और मोहनी देवी ने बताया कि पिछले दो वर्षों में गांव में छह लोगों की मौत हो चुकी थी, जिनमें रामदेव उरांव के बेटे की हाल ही में मौत हुई थी और दूसरा बेटा बीमार था। इससे अफवाह फैल गई कि बाबूलाल का परिवार उसके छोटे बेटे की बलि चढ़ाने वाला है।

पंचायत में हुई हत्या की साजिश, आरोपी ने कबूली बात

6 जुलाई की रात करीब 9:30 बजे गांव में पंचायत बैठी थी, जिसकी अगुआई गांव प्रमुख नकुल उरांव ने की थी। पंचायत में बाबूलाल के परिवार को भी बुलाया गया, लेकिन उनके न आने पर भीड़ ने हत्या का फैसला लिया। पंचायत में मौजूद नकुल ने पुलिस पूछताछ में माना कि 50 लोगों के साथ उसने रात 10 बजे बाबूलाल के घर धावा बोला।

भीड़ ने घर पहुंचकर शुरू किया हमला, बेटा किसी तरह बचा

चश्मदीद ललित और सोनू उरांव के मुताबिक, घटना के वक्त परिवार खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहा था। तभी भीड़ ने दरवाजा खटखटाया, और खोलते ही मारपीट शुरू कर दी। सोनू किसी तरह भागकर नानी के घर पहुंचा और पूरी घटना की जानकारी दी। जब तक पुलिस पहुंची, पूरा गांव खाली हो चुका था।

डायन बताकर महिलाओं से दूरी बनाने की साजिश

गांव की मोहनी देवी ने बताया कि महिलाओं को बाबूलाल और उनके परिवार की महिलाओं से दूर रहने की हिदायत दी जाती थी। गांव में यह प्रचार किया गया कि कागतो देवी, बहू सीता और पोते की पत्नी रनिया सभी डायन हैं और उनके संपर्क में आना अशुभ है।

पुलिस जांच में मिले अहम सुराग

पुलिस को मौके से झाड़-फूंक के सामान, खून सनी टॉर्च, साड़ी और कपड़े बरामद हुए हैं। ये चीजें बाबूलाल के घर से लगभग 100 मीटर दूर मिलीं, जो इस बात की पुष्टि करती हैं कि घटना पूर्व नियोजित थी।

तीन आरोपी गिरफ्तार, कई फरार

अब तक पुलिस ने गांव प्रमुख नकुल उरांव समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि बाकी आरोपियों की तलाश में रेड और छापेमारी की जा रही है।

 

 

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