BREAKING: 9 जुलाई को होगा ‘भारत बंद’! आखिर क्या है वजह और क्यों हड़ताल पर उतरेंगे 25 करोड़ लोग?

बृहस्पतिवार (9 जुलाई) को देशव्यापी भारत बंद की तैयारी जोरों पर है। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने इस आंदोलन का ऐलान किया है, जिसमें सरकार की ’मज़दूर विरोधी, किसान विरोधी और कॉरपोरेट समर्थक’ नीतियों के खिलाफ लगभग 25 करोड़ श्रमिकों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है।

क्यों बुलाया गया बंद? 17 सूत्री मांगों को अनदेखा करना

ट्रेड यूनियनों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने नए श्रम कोड, कलेक्टिव बर्ज़ेनिंग को घटाना, और श्रमिकों की हड़ताल की आज़ादी तक सीमित करने वाले प्रावधानों को लागू किया है। साथ ही, मजदूरों की दिन-प्रतिदिन घटती सुविधा, बेरोज़गारी और महंगाई पर सरकार की चुप्पी भी असहमति का कारण बनी है ।

किसानों और ग्रामीण मजदूरों का समर्थन

न केवल औद्योगिक श्रमिक, बल्कि सामाजिक-ग्रामीण संगठनों जैसे संयुक्त किसान मोर्चा और ग्रामीण मज़दूरों ने भी इस बंद को समर्थन दिया है। ये लोग भाजपा सरकार की खेती-कानून मिसालों, रोजगार और महंगाई के खिलाफ भी आवाज उठा रहे हैं।

क्या-क्या प्रभावित होगा? बैंक, पोस्ट, परिवहन…

किस सेक्टर में कितनी बाधा आने की संभावना है, इसका एक सामूहिक अवलोकन निम्नलिखित है:

आम जनता के लिए क्या करना जरूरी?

यातायात प्लान करें: बंद वाले दिन गाड़ियां चलाने में परेशानी हो सकती है।

बैंकिंग लेनदेन स्थगित कर लें: चेक, ट्रांज़ैक्शन आदि पर प्रभाव हो सकता है।

स्कूल-कॉलेज की स्थिति जानें: स्थानीय प्रशासन से समय पर अपडेट लें।

आपातकालीन सेवाएं: अस्पताल व आपात स्थिति सेवाएं अधिकतम चालू रहेंगी।

बंद-9 जुलाई देश में कई सार्वजनिक सुविधाओं पर व्यापक असर डालेगा। हालाँकि स्कूलों व कार्यालयों पर सीधी पाबंदी नहीं है, लेकिन परिवहन और बैंकिंग में व्यवधान से दैनिक जीवन प्रभावित हो सकता है। नागरिकों को स्थानीय प्रशासन के सलाह-संदेशों का पालन करते हुए योजनाबद्ध तरीके से दिन बिताना चाहिए।

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