हेमा मालिनी पर भड़की हुई हैं महिलाएं.. कहा – “मथुरा से निकाल देंगे, हमारी यहां से अर्थी ही उठेगी”, कॉरिडोर तो..

बॉलीवुड अभिनेत्री और मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी के बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर दिए गए बयान ने पूरे ब्रज में हलचल मचा दी है। सांसद के बयान के बाद महिलाओं और स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। दरअसल, हेमा मालिनी ने पहले कहा था, “कॉरिडोर तो बनकर रहेगा, विरोध करने वालों को कहीं और बसाया जाएगा।” हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी कि बयान लोकसभा चुनाव के समय का है और उनका इरादा ब्रजवासियों की भावनाएं आहत करना नहीं था।
ब्रजवासियों में भड़का गुस्सा
हेमा मालिनी के बयान को लेकर वृंदावन की गलियों में गुस्सा साफ दिखा। स्थानीय महिलाओं ने कहा कि वह ब्रज को नहीं छोड़ेंगी, चाहे कुछ भी हो जाए। एक महिला ने भास्कर से कहा, “हमारी तो यहां से अर्थी ही उठेगी, पर ब्रज नहीं छोड़ेंगे।” मंदिर परिसर में काले पोस्टर लगाए गए और भजन गाते हुए महिलाएं विरोध में एकजुट हो गईं।
दरवाजे पर काला पोस्टर, ढोलक के साथ भजन और विरोध
सोमवार दोपहर बांके बिहारी मंदिर परिसर में भजन-पूजन के साथ-साथ विरोध की आवाज़ें भी गूंज रही थीं। मंदिर के मुख्य द्वार पर काले रंग का पोस्टर लगाया गया, जिस पर लिखा था, “बांके बिहारी कॉरिडोर का हम सभी ब्रजवासी और व्यापारी विरोध करते हैं।” महिलाएं ढोलक बजाकर गा रही थीं- “हम हैं आपने बिहारीजी के, वो स्वामी हमारे हैं।” श्रद्धालु भी कुछ देर ठहरकर महिलाओं की बातों और भजनों को सुनते दिखे।
जनता के अपमान पर सवाल
गोस्वामी परिवार की नीलम ने कहा, “बयान किसी भी समय का हो, ब्रजवासियों को ब्रज छोड़ने के लिए कहना गलत है। जनप्रतिनिधि जनता का सेवक होता है, उसे ये अधिकार किसने दिया?” उन्होंने आगे कहा कि यहां की सरकार राधारानी हैं, किसी सांसद या सरकार की नहीं।
संगीता गौतम बोलीं
विरोध कर रही संगीता गौतम ने गुस्से में कहा, “क्या हेमा मालिनी ने हमें ब्रज में बसाया है? हम कल भी थे, आज भी हैं और मरते दम तक रहेंगे। हम मिलकर उन्हें ब्रज से भगा देंगे।” इसी तरह, रीना गोस्वामी ने कहा, “वो बाहरी हैं, हमें क्या बाहर करेंगी।”
अनुराधा गोस्वामी का तंज
अनुराधा गोस्वामी ने सवाल उठाया कि जब सांसद ने न यमुना शुद्ध की, न बिजली-पानी की व्यवस्था सुधारी, तो फिर जनता के लिए क्या किया? उन्होंने कहा, “हमने मोदी जी के फेस पर वोट दिया था, लेकिन आज पछता रहे हैं।” अनुराधा ने यह भी जोड़ा कि सांसद हिंदी और तमिल में उलझी रहती हैं, लेकिन स्थानीय समस्याएं जस की तस हैं।
टूरिस्ट और भक्त भी विरोध में बोले
हरियाणा की सजल, जो टूरिस्ट के रूप में आई थीं, ने कहा कि वह ब्रज के पारंपरिक स्वरूप को देखने आई हैं। “कॉरिडोर से अगर कुंज गलियां टूटती हैं, तो वो गलत होगा। बाहर से आने वालों को यही ब्रज पसंद है जैसा है।” वहीं, गुजरात के दृष्टि कुमार ने कहा, “वृंदावन जैसा है, वैसा ही अच्छा लगता है। बदलाव होगा तो उसकी प्रकृति कैसी होगी, ये चिंता की बात है।”
कॉरिडोर को लेकर प्रशासन का दावा
मथुरा प्रशासन के मुताबिक, अब तक बांके बिहारी कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत 285 भवनों का सर्वे हो चुका है, जिनमें 188 मकान और 97 दुकानें शामिल हैं। हालांकि, अब तक किसी भी ध्वस्तीकरण आदेश को जारी नहीं किया गया है। अफसर लोगों से संवाद कर रहे हैं ताकि विरोध को कम किया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट में 29 जुलाई को सुनवाई
कॉरिडोर विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। 29 जुलाई को सुनवाई होनी है, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को अध्यादेश और हलफनामा पेश करना है। याचिकाकर्ता मंदिर और आसपास की जमीन को निजी बताते हुए भूमि अधिग्रहण पर आपत्ति जता चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब मथुरा-वृंदावन के मंदिरों में अधिवक्ता रिसीवर नहीं बन सकेंगे।